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अतुल सुभाष सुसाइड केस में HC का बड़ा फैसला, 4 जनवरी को जमानत याचिका पर सुनवाई

नई दिल्ली :  कर्नाटक हाईकोर्ट ने अतुल सुभाष के आत्महत्या मामले में उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया की जमानत याचिका पर 4 जनवरी को फैसला सुनाने का निर्देश दिया है। इस मामले में बेंगलुरू पुलिस ने निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया को गिरफ्तार किया था, और तीनों वर्तमान में बेंगलुरू सेंट्रल.

नई दिल्ली :  कर्नाटक हाईकोर्ट ने अतुल सुभाष के आत्महत्या मामले में उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया की जमानत याचिका पर 4 जनवरी को फैसला सुनाने का निर्देश दिया है। इस मामले में बेंगलुरू पुलिस ने निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया को गिरफ्तार किया था, और तीनों वर्तमान में बेंगलुरू सेंट्रल जेल में बंद हैं।

अतुल सुभाष की आत्महत्या और उत्पीड़न का आरोप  

आपको बता दें कि बेंगलुरू में 9 दिसंबर को अतुल सुभाष ने आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और उनके परिवार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। आत्महत्या से पहले अतुल ने एक घंटे से अधिक लंबा वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसमें उन्होंने अपने ससुराल वालों द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न का जिक्र किया। इस वीडियो के बाद मामला तूल पकड़ा और पुलिस ने निकिता सिंघानिया और उनके परिवार के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया।

जमानत याचिका पर 4 जनवरी को सुनवाई

वहीं अब इस मामले में निकिता सिंघानिया की जमानत याचिका पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने 4 जनवरी को सुनवाई का आदेश दिया है। उनके वकील ने हाईकोर्ट से अपील की थी कि निकिता की जमानत पर शीघ्र निर्णय लिया जाए, क्योंकि अतुल के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिस पर 7 जनवरी को सुनवाई होनी है।

जमानत याचिका में उठाए गए सवाल

दरअसल, निकिता सिंघानिया की तरफ से दायर याचिका में उनकी गिरफ्तारी की कानूनी वैधता पर सवाल उठाए गए हैं। उनके वकील का कहना है कि न्यायिक हिरासत में होने के कारण निकिता सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष नहीं रख पा रही हैं। इन पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, हाईकोर्ट ने निचली अदालत को 4 जनवरी तक जमानत याचिका पर फैसला करने का निर्देश दिया है।

निकिता सिंघानिया और उनका परिवार जेल में बंद

अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद निकिता सिंघानिया, उनकी मां और भाई को बेंगलुरू पुलिस ने गिरफ्तार किया। इन तीनों ने बेंगलुरू की एक स्थानीय अदालत में 30 दिसंबर को जमानत याचिका दाखिल की थी। फिलहाल, तीनों जेल में बंद हैं और इस मामले में आगे की सुनवाई 4 जनवरी को होगी। इस पूरे मामले ने अब काफी तूल पकड़ लिया है और लोग इसे लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। अब कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार है, जो 4 जनवरी को आएगा।

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