बेंगलुरु: कर्नाटक में 16 जुलाई तक भारी बारिश की संभावना है। कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र (केएसएनडीएमसी) ने यह जानकारी दी।इस बीच, उत्तर कन्नड़ जिले की उपायुक्त (डीसी) लक्ष्मीप्रिया ने भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा जारी ‘रेड अलर्ट’ का हवाला देते हुए सोमवार को कारवार, अंकोला, कुमता, होन्नावर, भटकल, सिरसी, सिद्धपुर, येल्लापुर, दांडेली और जोइदा तालुकाओं में सभी स्कूलों और पीयू (प्री-यूनिर्विसटी) कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा कर दी है।
‘रेड अलर्ट’ के तहत 24 घंटे में 20 सेंटीमीटर से अधिक भारी से अत्यंत भारी बारिश की संभावना रहती है। आईएमडी के अनुसार, उत्तर कन्नड़ के कैसल रॉक में रविवार को सबसे अधिक 220 मिलीमीटर बारिश हुई। मौसम विभाग ने उत्तर कन्नड़ जिले में 14 जुलाई को अपराह्न एक बजे से 16 जुलाई रात आठ बजकर 30 मिनट तक भारी बारिश की चेतावनी और ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है। केएसएनडीएमसी ने बताया कि कर्नाटक में जोरदार मानसून की यह स्थिति महाराष्ट्र-उत्तरी केरल तट के साथ मौजूदा अपतटीय द्रोणिका (ट्रफ) के साथ-साथ तटीय आंध्र प्रदेश से दूर पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी पर चक्रवाती परिसंचरण के कारण है जिससे कर्नाटक में अधिक नमी आ रही है।
तटीय कर्नाटक, मलनाड जिलों और आंतरिक कर्नाटक के कुछ हिस्सों में 16 जुलाई तक बारिश की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों ने पूर्वानुमान जताया है कि आने वाले सप्ताह में राज्य में कावेरी और कृष्णा बेसिन पर बने बांधों में भारी मात्रा में पानी आने की संभावना है।केंद्रीय जल आयोग ने कर्नाटक के छह बांधों और बैराजों के लिए जल प्रवाह पूर्वानुमान जारी किया है, जहां जल प्रवाह निर्दिष्ट सीमा के बराबर या उससे अधिक है।
कबीनी जलाशय में जलस्तर भंडारण क्षमता से 85 प्रतिशत से ऊपर जाने के कारण रेड अलर्ट जारी किया गया है। सभी छह बांधों और बैराजों से पानी छोड़ा जा सकता है ताकि निचले इलाकों में बाढ़ और ऊपरी इलाकों में जलभराव से बचा जा सके। मौसम विभाग देश में मौसम संबंधी अलर्ट जारी करने के लिए चार रंगों का उपयोग करता है। ये अलर्ट हैं… ग्रीन (किसी कार्रवाई की जरूरत नहीं), येलो (नजर रखें और निगरानी करते रहें), ऑरेंज (कार्रवाई के लिए तैयार रहें) और रेड (कार्रवाई/सहायता की जरूरत है)।