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6 माह पहले दादा, 6 दिन पहले दादी और अब शहीद अमित की मौत से परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

हमीरपुर : जिला के तलासी खुर्द गांव को अमित के पार्थिव शरीर के आने का इंतजार है। दूसरी ओर, शहीद अमित का पार्थिव शरीर पैतृक गांव कब पहुंचेगा, इसका अभी कुछ भी पता नहीं चल पाया है। शहीद के गांव में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है। हर कोई इस घटना से दुखी है। शहीद के घर गुरुवार को सांत्वना देने वालों को पूरा दिन तांता लगा रहा। जिला प्रशासन ने बताया कि अभी जम्मू कश्मीर से इस बारे कोई भी जानकारी नहीं मिल पाई है।

शहीद अमित की मां दरवाजे की तरफ टकटकी लगाए अपने लाडले की पार्थिव शरीर के आने का बेसब्री से इंतजार करते हुए कह रही हैं कब आएगा मेरा लाड़ला सपूत। घर का इकलौता कमाने वाला था, लेकिन आज मेरे बुढापे की लाठी टूट गई। वहीं अमित के पिता खुद को संभालते हुए कभी पत्नी को हिम्मत बंधाते हैं तो कभी बेटी को, जो आखिरी बार अपने भाई की झलक देखने के लिए दरवाजे की तरफ नजर लगाए हुए है। अमित के पिता विजय कुमार का कहना है कि 6 माह पहले अमित के दादा की मौत हुई थी। 6 दिन पहले उसकी दादी भी चल बसी और अब अचानक अमित की मौत होने से परिवार टूट गया है।

अमित घर में इकलौता कमाने वाला था, लेकिन अब वह सहारा टूट गया है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के कुपवाडा में हुए सड़क हादसे में 3 जवानों की मौत हुई है। इनमें हमीरपुर का अमित शर्मा भी जोकि भारतीय थल सेना की 14 डोगरा रेजिमेंट में कुपवाडा के माछिल सेक्टर में तैनात था। बताया जा रहा है कि मंगलवार रात बर्फीले इलाके में गश्त के दौरान सेना का वाहन बर्फ से फिसलकर खाई में जा गिरा, जिससे जवानों की मौत हो गई।

 

 

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