ऊना (राजीव भनोट/लक्क़ी) : उपमण्डल बंगाणा के गोबिंद सागर झील के लाठियानी मदली घाट पर पानी मे तैरता हुआ पत्थर पुलिस को मिला हैं। पुलिस जवान उक्त पत्थर को थाना ले आए है और उसे देखने के लिए भीड़ उमड़ रही है। बताते चलें कि थाना बंगाणा के एएसआई रविन्द्र होम गार्ड तिलक टीम सहित गोबिंद सागर झील के लाठियानी मदली घाट पर वीरबार देर शाम गश्त करने पहुंचे। उन्होंने देखा कि झील के मध्य कुछ तैर रहा है। जब काफी कोशिश करने के बाद उक्त पत्थर तक नहीं पहुंचे, तो पुलिस जवानों ने किश्ती का सहारा लेकर उक्त पत्थर तक पहुंचे और जब पत्थर को पानी मे तैरता देखा, तो पुलिस जवान भी हैरान हो गए।
उन्होंने उक्त पत्थर को पकड़कर थाना बंगाणा ले आए। जब थाना बंगाणा में पानी की भरी बाल्टी में उक्त पत्थर को डाला, तो उक्त पत्थर बाल्टी में भी तैरने लगा। इस समाचार को सुनकर लोग थाना बंगाणा में उक्त पत्थर को देखने वहां पहुंच गए। जब जनता के सामने उक्त पत्थर का वजन किया, तो करीव पौने तीन किलो ग्राम उक्त पत्थर का वजन निकला। अब जनता उक्त पत्थर को राम सेतू से जोड़ रही है।
हैरानी की बात यह भी है कि 10 ग्राम के वजन वाली बस्तु पानी मे डूब जाती है। फिर पौने तीन किलो ग्राम का पत्थर पानी मे कैसे तैर रहा है। यह सबसे बड़ा प्रश्न है। वहीं जानकारों का कहना है कि त्रेतायुग में जब श्री राम जी सेना सहित श्री लंका में प्रवेश करने के लिए नदी में सेतू बनाया था। तो उस समय वानर सेना में नल ओर नील दो महारथियों द्वारा हर शिला पत्थर पर श्री राम लिखकर सेतू बनाया था। जिस के माध्यम से श्री राम सेना श्री लंका पहुंची थी। ओर उसे राम सेतू का नाम दिया था। और यह पत्थर भी श्री राम सेतू का है। जो पानी मे तैर रहा है।
हालांकि उक्त पत्थर पर कही भी कोई निशानी नहीं है। और उक्त पत्थर बिल्कुल साफ है। थाना बंगाणा के एएसआई रविन्द्र का कहना है कि हमें गश्त के दौरान झील के लाठियानी घाट पर उक्त पत्थर पानी मे तैरता हुआ मिला और हम इसे थाना बंगाणा ले आए है। आगे क्या रहस्य है और उक्त पत्थर कैसे पानी मे तैर रहा है। इसका रहस्य केवल भंगवान ही जान सकते है।