ऊना (राजीव भनोट) : जिला ऊना में अब अवैध खनन करने वालाें के खिलाफ प्रदेश सरकार और जायदा सख्त कदम उठाने जा रही है। अब अवैध खनन करने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी व दोषियों से जुर्माना वसूलने के अलावा पर्यावरण मुआवजे की वसूली करने के पश्चात ही उनके वाहनों को छोड़ा जाए। जिला प्रशासन ने इसको लेकर एक बैठक कर आदेश जारी किए जाने की बात कहीं है।
मीडिया से रूबरू होते हुए उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने बताया कि पर्यावरण मुआवजा की वसूली के लिए उपमंडल स्तर पर एसडीएम को अधिकृत किया गया है। उन्होंने पुलिस, खनन तथा वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए की अवैध खनन के मामले पाए जाने पर जुर्माना वसूली के साथ ही संबंधित वाहन के कागज तथा ड्राइविंग लाइसेंस एसडीएम को प्रेषित किए जाएं, ताकि अवैध खनन से संबंधित जुर्माने के अलावा दोषियों से पर्यावरण मुआवजा भी वसूला जा सके।
उन्होंने कहा कि सरकारी अनुदान से खरीदी गई जेसीबी मशीन अथवा वाहन यदि अवैध खनन में पाया जाता है, तो ऐसे मशीन अथवा वाहन मालिकों से अनुदान की वसूली की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलों के नजदीक 200 मीटर ऊपर तथा 500 मीटर नीचे की ओर खनन पर पूर्ण प्रतिबंध है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग तथा खनन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी नदियों व खंडों पर बने पुलों के दोनों ओर पिलर के माध्यम से चिन्हित करें तथा निरंतर निगरानी करें ताकि कोई भी व्यक्ति पुलों के आसपास खनन न कर सके।
उन्होंने कहा कि किसी भी स्थान पर पुलों के समीप प्रतिबंधित क्षेत्र में खनन पाए जाने पर लोक निर्माण विभाग द्वारा निकटतम पुलिस थाने में तुरंत एफआईआर दर्ज करवाई जाए। यदि इस प्रतिबंधित क्षेत्र के अंतर्गत कोई खनन की लीज माइनिंग विभाग द्वारा दी गई है, तो माइनिंग अधिकारी तुरंत उसकी समीक्षा करेंगे और प्रतिबंधित क्षेत्र को विभाग द्वारा लीज से निकाला जाए।
किसी भी स्थान पर स्वां नदी और सहायक खड्डों के तटीकरण को नुक्सान होने/पाए जाने की स्थिति में स्वां बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा निकटतम पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की जाए।उन्होंने कहा कि स्वां नदी और सहायक खड्डों के दोनों तटों से नदी/खड्ड के 75 मीटर अंदर की ओर के क्षेत्र में किसी भी प्रकार का खनन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है।