भरमौरः जन -जातीय क्षेत्र भरमौर में मौसम के बदलते मिजाज से बागवान -किसान काफी चिंतित हुए हैं। दिसंबर व जनवरी माह में नाममात्र बारिश बर्फबारी से किसान -बागवान सकते में हैं विदित रहे कि जन -जातीय क्षेत्र भरमौर में सेब की काफी अच्छी पैदावार होती है क्षेत्र के गांव कुगती, मलकौता,बाडी, पट्टी, गोसण, संचुई, ग्रीमा, खणी, उंलासा व अन्य जगहों पर भी काफी मात्रा में सेब का उत्पादन होता है। ज्यादातर लोग इसी व्यवसाय पर निर्भर है, जिससे की वो अपने परिवारों का भरण-पोषण करते हैं। मणिमहेश यात्रा के दौरान भी यहां का सेब काफी अच्छे दामों पर बिक जाता है, लेकिन गत वर्ष मौसम के बदलते मिजाज व जनवरी माह में भी बर्फवारी के न होने से उनको भविष्य की चिंता सताने लगी है।
बर्फबारी के न होने से उत्पादन में असर होना निश्चित है। क्षेत्र के बागवानों में पवन शर्मा, सुरेश ठाकुर, तिलक शर्मा, मिलाप पटियाल, विनोद कुमार, राज कुमार, देशराज ने बताया कि अगर समय अनुसार बर्फबारी नहीं होती है, तो क्षेत्र के बागवानों को लाखों की चपत लगेगी व उनकी आर्थिकी पर भी असर पड़ना स्भाविक हैं।