शिमला : शिमला स्मार्ट सिटी के एमसी की पुरानी दुकानों को नया बनाए जाने के प्रोजेक्ट को झटका लगा हैं। करीब 15 करोड़ के प्रोजेक्ट के तहत राम बाजार, गंज बाजार और लोअर बाजार की 467 दुकानों को नया बनाए जाने की योजना थी। लेकिन सब्जी मंडी ग्राउंड व गंज बाजार की 295 दुकाने लिस्ट से बाहर हो गई है, जिसके बाद अब 467 दुकानों में से अब सिर्फ 172 दुकाने ही लिस्ट में रह गई और जिसमें से अभी तक करीब 78 दुकानों का जीर्णोद्धार हो चुका है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सब्जी मंडी ग्राऊंड में मिट मार्कीट में नई दुकाने बनाई जानी थी, लेकिन एनजीटी द्वारा एमसी कार्यालय निर्माण के नक्शे को खारिज करने बाद पुरानी दुकानों को नया बनाने का काम खटाई में पड़ गया है।
इसके साथ ही गंज बाजार में अनाज मंडी में भी एमसी की पुरानी दुकानों को तोड़ कर नया बनाया जाना था। लेकिन जब काम शुरू किया गया तो सूची में शामिल कई दुकाने निजी दुकाने पाई गई, ऐसे में एमसी की कुछ दुकानों को छोड़ अधिकतर निजी दुकाने प्रोजेक्ट से बाहर हो गई। इस छटनी के बाद अब 467 दुकानों में अब सिर्फ 172 पुरानी दुकानों को ही दोबारा नए स्वरूप में बनाया जा सकेंगा।
बता दें कि शिमला स्मार्ट सिटी के करीब 15 करोड़ की लागत से राम बाजार, गंज बाजार और लोअर बाजार में एमसी की पुरानी दुकानों को प्री फैब आधुनिक निर्माण तकनीक से तैयार किया जा रहा है। यह प्रोजेक्ट हिमुडा कर रहा है और शहर में अभी तक लगभग 6 करोड़ 16 लाख रुपये खर्च कर एमसी की 78 दुकानों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। जबकि सब्जी मण्डी में 65 दुकानें बनकर तैयार हो गई है, जिस पर 2 करोड़ 84 लाख रुपये व्यय किए गए हैं। इसी प्रोजेक्ट के तहत लोअर बाजार स्थित सब्जी मण्डी में 8 और रामबाजार में 12 दुकानों को तोड कर प्रीबेफरीकेटिड दुकाने बनाया गया है।
स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के तहत एमसी की 467 पुरानी दुकानों को नया बनाए जाने की योजना थी। लेकिन एमसी द्वारा साइट उपलब्ध ना होने पर 295 दुकाने लिस्ट से बाहर हो गई है, जिसके बाद अब 172 दुकानों को ही जीर्णोद्धार हो सकेंगा। -अंजूरी कपूर, अधीक्षण अभियंता हिमुडा