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1600 करोड़ रुपए की ब्यास तटीकरण योजना को मंजूरी दे केंद्र सरकार : सुंदर ठाकुर

शिमला (गजेंद्र): प्राकृतिक आपदा से इस बार हिमाचल प्रदेश को भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में अभी प्रदेश के कई हिस्से ऐसे हैं, जहां पर जनजीवन पटरी पर नहीं लौटा है। प्रदेश के जिला कुल्लू व मंडी में इस बार आपदा से भारी नुकसान हुआ है। जहां व्यास नदी के रौद्र रूप को देखते हुए अब इसके तटीकरण को लेकर आवाज उठने लगी है। वहीं कुल्लू जिला के आनी में कई मकान ज़मीदोज हुए हैं। लेकिन अच्छी बात ही रही की दरार की सूचना पहले ही मिल गई थी। उसके बाद भवनों को खाली किया गया था। प्रदेश में पटरी से उतरे पर्यटन को लेकर मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि फिर से पटरी पर लाने के लिए राज्य सरकार काम कर रही है।

मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर ने केंद्र सरकार से मांग की है की 1600 करोड़ रुपए की ब्यास तटीकरण योजना को मंजूरी दी जाए। उन्होंने कहा कि यह योजना पहले ही बनाई जा चुकी है। लेकिन पूर्व में गंगा सफाई अभियान के चलते योजना ठंडे बस्ती में पड़ गई थी। सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि नदी नालों की ड्रेजिंग होनी चाहिए और इसके लिए केंद्र सरकार एनजीटी वन विभाग और राज्य सरकार को एक मंच पर आना होगा। नदी नालों के बीच में बड़े-बड़े बोल्डर और मक है। उसे तट पर रखना होगा। इसके लिए राज्य सरकार को डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत परमिशन देनी चाहिए ताकि नदी नालों का स्तर कम हो।

वहीं कुल्लू जिला के आनी में कई मकान ज़मीदोज हुए है जिसे लेकर सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा की इन भवनों में करीब 200 किराएदार रहते थे जिन्हें पहले ही सुरक्षित बचा लिया गया था। उन्होंने लोगों से अपील की है कि जहां पर घरों को खतरा पैदा हो गया है, उन्हें खाली करें और प्रशासन को सूचित करें। सरकार की तरफ से ऐसे लोगों के रहने और खाने पीने का पूरा प्रबंध किया जा रहा है। वहीं प्रदेश में पटरी से उतरे पर्यटन को लेकर सुंदर ठाकुर ने कहा कि बेशक नुकसान बहुत हुआ है लेकिन जानी नुकसान कम है। ऐसे में पर्यटकों के मन मे एक बार फिर से विश्वास पैदा करने की जरूरत है। कुल्लू में पर्यटन को फिर से जिंदा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव को बेहतर तरीके से मनाएंगे। अब तक नौ देशों ने कुल्लू आने की हामी भरी है। 60 दिन बाद विष्व प्रसिद्ध दशहरा होना है।

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