शिमलाः हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में सड़क यातायात उल्लंघन के लिए काटे गए चालान ने एक निवारक के रूप में काम किया है, जिसकी वजह से पिछले पांच वर्षों में शिमला जिले में सड़क हादसों और उनमें होने वाली मौते में 30 प्रतिशत से भी अधिक की कमी देखी गई है। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में शिमला में 354 सड़क हादसों में कुल 167 लोग मारे गए, जबकि 2018 में कुल 526 दुर्घटनाओं में 245 लोगों की जान गई थी। पुलिस विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 2018 से 2022 के बीच काटे गए चालानों की संख्या में 30.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
शिमला की पुलिस अधीक्षक मोनिका भुटुंगरू ने कहा कि चालान काटने के अलावा दुर्घटनाओं के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस की तैनाती, सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से प्रभावी निगरानी, बेहतर यातायात प्रबंधन और सख्त कानूनी कदम उठाए जाने के कारण सड़क हादसों की संख्या में कमी आई है। उन्होंने कहा, कि सड़क हादसों में कमी लाने के लिए हमने नशे की हालत में गाड़ी चलाने वालों, तेज रफ्तार से वाहन चलाने वालों, गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करने वालों और आदतन यातायात नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्ती से चालान काटने पर ध्यान केंद्रित किया। हमने बर्फबारी से प्रभावित इलाकों में सड़क हादसे अधिक होने के कारणों पर भी गौर फरमाया और निवारक उपाय किए।
अधिकारी के मुताबिक, मोटर वाहन अधिनियम के तहत वर्ष 2022 में सबसे अधिक 1,83,612 चालान काटे गए, जिनमें नशे में गाड़ी चलाने के लिए काटे गए 3,448, गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करने के लिए काटे गए 5159 और तेज रफ्तार से वाहन चलाने के लिए काटे गए 586 चालान शामिल हैं।