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नागनी माता के छठे मेले मे उमड़ा श्रदालुओं का जनसेलाव, मेले मे नूरपुर एसडीएम मुख्यातिथि के रूप मे पहुँचे

नूरपुर( पंकज कौशल): सावन तथा भादो में दो माह तक चलने वाले भड़वार स्थित नागनी माता जिला स्तरीय मेलों का आयोजन मंदिर में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ होता है। हिमाचल के अलावा पंजाब राजस्थान जम्मू हरियाणा यूपी दिल्ली व दूरदराज के क्षेत्रों से हजारों की संख्या में लोग इन मेलों में पहुंच कर माता का आशीर्वाद प्राप्त कर मुंह मांगी मुरादें पाते हैं। हर वर्ष एक मेले को जिला स्तरीय मेले के रूप में धूमधाम के साथ मनाया जाता है और इस दौरान भव्य शोभा यात्रा निकाली जाती है और सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है।

परंतु इस बार आपदा के चलते मेले का आयोजन बहुत सादगी के साथ किया गया।इस अवसर पर नूरपुर के एस डी एम गुरसीमर सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने जिला स्तरीय मेले की सभी को शुभकामनाएं दी व कहा की प्रशासन द्वारा श्रदालुओं की सुविधा के लिए उचित प्रबंध किए गए है। जिला स्तर के छठे मेले के अवसर पर मंदिर कमेटी सदस्य पवन कटोच ने मीडिया से बातचीत करते हुए नागनी माता के अवतरण की कथा सुनाते हुए कहा कि पुर्व काल समय में कोढ़ (कुष्ठ रोग) छूत लाईलाज बीमारी माना जाता था।

तब एक कुष्ठ रोगी को माता नागनी ने स्वप्न में दर्शन देते हुए कहा कि मंदिर स्थल की की बामू मिट्टी व जल का सेवन करें।
जब रोगी ने स्वप्न में बताई विधि के अनुसार सेवन किया तो वह पूर्णतया ठीक हो गया! तब से लेकर मंदिर में मेलों का आयोजन हर वर्ष होता है। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार के सांप बिच्छू के काटने पर माता की कृपा से बिना दवाई व टीका के स्वस्थ हो कर खुशी खुशी घर लौटते हैं।

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