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हरे राम हरे कृष्ण की धुन पर श्रद्धालुओं हुए मंत्रमुग्ध, बाबा बाल जी ने कहा- मधुरता कठोर से कठोर को भी कर देती है नरम

ऊना (राजीव भनोट) : उत्तर भारत के प्रशिद्ध धार्मिक स्थल श्री राधा कृष्ण मंदिर कोटला कला में चल रहे13 दिवसीय विराट धार्मिक सम्मेलन में राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज ने कृष्ण भजनों से शुरू किया,उनके भजन प्रेम वाली गली कोई नगदा….. हरे राम हरे कृष्ण की धुन पर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्रद्धालुओं का प्रवचनों से मार्ग दर्शन करते हुए कहाँ की हमें अपनी बाणी से मधुर शब्द बोलने चाहिए। क्रोध को खत्म कर कृष्ण जी के चरणों मे ध्यान लगाना है।और यह तभी होगा जब हम क्रोध को नष्ट कर मुख से मिठास बरसाएंगे। बच्चों को संस्कार भी हम तभी दे सकते है जब हम स्वयं क्रोधित व्यवहार से मुक्त होंगे। अन्यथा बच्चे भी सब देख कर यही सीखेंगे। बाबा बाल जी ने कहा कि केवल घर परिवार ही नहीं अपितु सब से चाहे कोई छोटा है ,बड़ा है,बुजुर्ग है,जवान है सभी से मधुर व मिठास सहित व्यवहार करें।

मधुरता कठोर से कठोर को भी नरम कर देती है। इसलिए हमें अपना सरल व मधुर व्यवहार रख क्रोध को नष्ट करना है। राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज ने कहा कि आज समय सत्य के मार्ग पर चलने का है, द्वेष, षड्यंत्र इन सब से दूर रहना है, धर्म के मार्ग पर चलकर ही हम सत्यमार्ग पर चल सकते हैं और इसी मार्ग पर चलकर क्रोध को खत्म कर प्रेम की भाषा को सीख सकते हैं, इससे बड़ा कार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि समाज को सही दिशा में ले जाने वाले लोगों को आगे आना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमें बड़ा दिल कर समाज के प्रति सोचना है ,अपने मोहल्ले, गांव ,जिला, प्रदेश व राष्ट्र के बारे में चिंतन करना है। उन्होंने कहा कि यह बात केवल धर्म सिखाता है। उन्होंने कहा कि जब हम धर्म पर चलते हैं और राष्ट्र के साथ-साथ प्रदेश की सेवा कर सकते हैं। मानवता की सेवा से बड़ा धर्म कोई नहीं। उन्होंने कहा कि गुरु सदैव मार्ग की ओर चलना सिखाता है तथा भीतर के ज्ञान को रोशन करता है ,इसलिए कथा में भाग लेना सौभाग्य का विषय है। उन्होंने कहा कि हम सब गुनी बने अवगुणों से दूर रहें ,झूठ से दूर रहें सत्य के मार्ग पर चलें।

बाबा बाल जी ने दिया नशे से दूर रहने का सन्देश

इस दौरान सन्त बाबा बाल जी महाराज ने मंदिर परिसर में आये श्रद्धालुओं को नशे से दूर रहने का संदेश।उन्होंने कहा कि हमें युवाओ को नशे से दूर रहने के लिए उनका मार्ग दर्शन करना चाहिए। नशे व गलत संगत से दूर रहने के लिए माता पिता को अपने बच्चो को मंदिरों , कथाओं से जोड़ना चाहिए।जिससे प्रेरित हो बच्चे नशे की तरफ न जा सके।और इस प्रयास के साथ गाँव, शहर,राज्य,व भारत को नशा मुक्त बनाया जा सकता है।

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