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हिमाचल की देव संस्कृति के लिए नशा काफी घातक: राज्यपाल Shiv Pratap Shukl

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश की देव संस्कृति के लिए नशा घातक सिद्ध हो सकता है और इसके लिए पंचायत स्तर पर लोगों को जागरूक होना पड़ेगा। ऐसे में शिमला के राज भवन में 6 नवंबर को पंचायती राज विभाग तथा पंचायती राज मंत्री के साथ मिलकर इस पर चर्चा की जाएगी। ताकि पंचायत स्तर पर नशे के खिलाफ आवाज उठाई सके जा सके और इस नशे को हिमाचल से खत्म किया जा सके।

कुल्लू के ढालपुर पहुंचे राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने बताया कि पुलिस के स्तर पर नशे को खत्म करना काफी मुश्किल है। क्योंकि यह नशा ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब अपनी जड़ों को जमा चुका है। आज युवतियां भी नशे का शिकार हो रही है। ऐसे में हिमाचल की संस्कृति के लिए नशा आने वाले समय में घातक सिद्ध होगा। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने बताया कि इसके लिए पंचायत स्तर पर जागरूकता लानी होगी और ग्रामीण लोगों को भी इसके लिए लोगों को जागरूक करना होगा। ताकि हिमाचल को नशा मुक्त किया जा सके।

वहीं राज्य प्रताप शिव प्रताप शुक्ल ने अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कुल्लू का दशहरा देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी प्रसिद्ध है और यहां की देव संस्कृति को जानने के लिए भी विदेश से लोग यहां आते हैं। ऐसे में हिमाचल की देव संस्कृति अपने आप में अनूठी है और अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में यह सब संस्कृति के दर्शन लोगों को होते हैं। भगवान रघुनाथ के सम्मान में इस दशहरा उत्सव का आयोजन किया जाता है और सैकड़ो देवी देवता इस दशहरा उत्सव में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हैं।

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