शिमला (गजेंद्र): हिमाचल प्रदेश के शिमला में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसीएच) के कैफेटेरिया में बृहस्पतिवार को सिलेंडर फटने के बाद इमारत के एक हिस्से में आग लग गयी जिसके बाद वहां से लगभग 250 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारी के मुताबिक, घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। दमकल अधिकारियों ने पीटीआई-भाषा को बताया, हमें सुबह करीब आठ बजकर 50 मिनट पर घटना की जानकारी मिली। माल रोड, छोटा शिमला और बोइलागंज से दमकल की छह गाड़ियों को मौके पर भेजा गया और आग को फैलने से रोका गया। आग लगने के बाद इमारत से निकलता धुआं दूर से देखा जा सकता था। घटना के वक्त ओपीडी में मौजूद मरीजों ने बताया कि एक के बाद एक हुए दो धमाकों से वहां दहशत फैल गई।
आईजीएमसीएच के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक राहुल राव ने बताया कि ये विस्फोट उस वक्त हुए जब आउटडोर पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) सेवाएं शुरू ही हुई थीं। उन्होंने बताया कि 15 से 20 मिनट के भीतर मरीजों समेत करीब 250 लोगों को अस्पताल के कर्मचारियों और अन्य लोगों की मदद से बाहर निकाला गया। उन्होंने बताया कि ओपीडी सेवाओं को फिलहाल पुराने भवन में स्थानांतरित कर दिया गया है। राव ने कहा कि घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है हालांकि चिकित्सकों के चार कक्ष, कैफेटेरिया और तीन लिफ्ट आग में क्षतिग्रस्त हो गए हैं और प्रारंभिक अनुमान के अनुसार लगभग 60 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि नवनिíमत भवन में अग्निशामक और अन्य उपकरण उपलब्ध थे और दमकल र्किमयों के आने से पहले, इन उपकरणों का उपयोग आग बुझाने के लिए किया गया। उन्होंने बताया कि लगभग 30.90 करोड़ रुपये की लागत से बने नये बहुमंजिला ओपीडी ब्लॉक का उद्घाटन गत नौ मार्च को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किया था। इमारत में आपातकालीन इकाई, गहन देखभाल इकाई, विशेष वार्ड, आइसोलेशन वार्ड और फिजियोथैरेपी वार्ड के साथ-साथ कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी स्कैन, एक्स-रे, नमूना संग्रह और पैथोलॉजी लैब की सुविधाएं हैं।