राज्यपाल Shiv Pratap ने किया TB-Free भारत अभियान से जुड़ने का आह्वान, ‘वन वर्ल्ड TB समिट 2023’ में वर्चुअल तौर पर लिया भाग

शिमला (गजेंद्र) : राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आयोजित ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट 2023’ में वर्चुअल तौर पर गोरखपुर से अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संबोधित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने टीबी-मुक्त पंचायत सहित विभिन्न पहलों की शुरुआत की हैं। विश्व क्षय रोग दिवस.

शिमला (गजेंद्र) : राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आयोजित ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट 2023’ में वर्चुअल तौर पर गोरखपुर से अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संबोधित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने टीबी-मुक्त पंचायत सहित विभिन्न पहलों की शुरुआत की हैं। विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि केन्द्रीय सरकार और राज्य सरकार राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) द्वारा पिछले 2 दशकों में टीवी नियंत्रण के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत चलाया जा रहा हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में टी.बी. उन्मूलन कार्यक्रम 1 टीवी सैनाटोरियम, 12 जिला क्षयरोग केन्द्रों, 78 क्षयरोग यूनिट, 239 माइक्रोस्कोपिक केन्द्रों, 1 आई.आर.एल. और 2 सी एण्ड डी.एस.टी. लैब के माध्यम से चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय समय सीमा 2025 से पहले वर्ष 2023 तक राज्य से तपेदिक को खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने लोगों से टी.बी मुक्त भारत’ के अभियान से जुड़कर ‘नि-क्षयमित्र’ बनने का आह्वान किया ताकि अधिक से अधिक रोगियों को गोद लिया जा सके।

शुक्ल ने कहा कि हिमाचल की टी.बी. जांच दर भारत में सबसे अधिक है, इसलिए प्रदेश, भारत में उच्चतम टीवी अधिसूचना दर हासिल कर रहा है। हाल ही में आई नीति आयोग की रिपोर्ट में इसकी सराहना भी की गई है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद विभाग औपचारिक रूप से टी.बी. मुक्त हिमाचल अभियान में भागीदार है। राज्यपाल ने कहा कि राज्य ने टीबी मुक्त हिमाचल ऐप भी विकसित किया है, जो गूगल प्ले स्टोर पर मुफ्त में उपलब्ध है। यह ऐप एक बिंदु मंच है, जहां उपयोगकर्ता को तपेदिक के लक्षणों के बारे में जानकारी मिलती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर अस्पताल में एयरबोर्न संक्रमण नियंत्रण सहायता डेस्क की स्थापना की गई, ताकि संस्थानों के भीतर बीमारी के संचरण को रोकने में मदद मिल सके।

- विज्ञापन -

Latest News