हाईकोर्ट ने पालमपुर के कारोबारी मामले में FIR करने के दिए आदेश, 22 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

शिमला (गजेंद्र) : पालमपुर के कारोबारी निशांत शर्मा मामले पर हिमाचल हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया था, जिस पर आज सुनवाई हुई। मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कांगड़ा एसपी को मामला दर्ज करने के आदेश दिए है, साथ ही मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को रखी गई है। हिमाचल हाईकोर्ट में महाअधिवक्ता अनूप.

शिमला (गजेंद्र) : पालमपुर के कारोबारी निशांत शर्मा मामले पर हिमाचल हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया था, जिस पर आज सुनवाई हुई। मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कांगड़ा एसपी को मामला दर्ज करने के आदेश दिए है, साथ ही मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को रखी गई है। हिमाचल हाईकोर्ट में महाअधिवक्ता अनूप रतन ने बताया की कोर्ट ने कहा की जब कोई व्यक्ति शिकायत करता है, तो FIR करना जरूरी होता है। कारोबारी की शिकायत पर दर्ज की जाएगी। साथ ही सुरक्षा मुहैया करवाने के भी आदेश दिए है। आज एसपी कांगड़ा और एसपी शिमला ने स्टेट्स रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष रखी है। उन्होंने बताया की कोर्ट ने शिकायत कर्ता के पक्ष में एक वरिष्ठ वकील की भी नियुक्ति की है। अब इस मामले में FIR दर्ज करवाने का पूर्ण आश्वाशन दिया गया है।

हिमाचल प्रदेश के पुलिस प्रमुख भी सवालों के घेरे में हैं। पालमपुर के कारोबारी निशांत शर्मा ने डीजीपी संजय कुंडू के खिलाफ भी ई-मेल से शिकायत दी है। इसी ईमेल पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने जबाब तलब किया था। कारोबारी निशांत शर्मा के मुताबिक उन पर गुरुग्राम में हमला हुआ, जिसकी एफआईआर भी गुरुग्राम में दर्ज करवाई गई है। इसके बाद मैक्लोडगंज में उनको मामला वापिस लेने के लिए दो लोगों द्वारा धमकाया गया।

कारोबारी निशांत शर्मा का कहना है कि इसी बीच उन्हें डीजीपी कार्यालय से 14 बार फोन किया गया, जब उन्होंने डीजीपी से बात की, तो उन्हें डीजीपी ने शिमला आने के लिए कहा हैं। कारोबारी निशांत शर्मा का आरोप है कि जब वह डीजीपी को जानते ही नहीं है, तो आखिर उन्हें शिमला क्यों बुलाया गया। उन्होंने पालमपुर के डीएसपी और एसएचओ की भूमिका पर भी सवाल उठाएं है। निशांत ने कहा की गुरुग्राम के हमले की ही तरह धर्मशाला में उनको धमकाना, डीजीपी द्वारा फोन करके शिमला बुलाना अपने आप में सवाल खड़े करता है।

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