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हिमाचल की पर्वतारोही बलजीत कौर एक बार फिर माउंट एवरैस्ट पर पहुंची

शिमला: भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली कंपनियों में से एक टाटा पावर ने गर्व के साथ की है कि इसकी सस्टेनेबिलिटी चौंपियन और शीर्ष पर्वतारोही बलजीत कौर ने कंपनी केस स्टेनेबल इज अटेनेबल संदेश को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी तक पहुंचाते हुए माउंट एवरैस्ट पर सफलता पूर्वक फतेह हासिल की। टाटा पावर के सीईओ एवं एमडी डॉ. प्रवीर सिन्हा ने अप्रैल में इस अभियान की शुरुआत मुंबई में औपचारिक रूप से हरी झंडी दिखाकर की थी। इसके बाद बलजीत ने लद्दाख जंस्कर हिमालय पर्वतमाला में कठिन प्रशिक्षण लिया जहां उन्होंने माउंट यूटी लद्दाख कांगड़ी (6070 मीटर) पर चढ़ाई की।

भारत में अपने महीने भर के अभ्यास को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद वह नेपाल के काठमांडू के लिए रवाना हुईं। बलजीत ने सबसे पहले नेपाली खुंबू क्षेत्र में माउंट लाबुचे पूर्व (6119 मीटर) पर चढ़ाई की जो अपनी तकनीकी कठिनाइयों के लिए जाना जाता है इसके बाद टाटा पावर के वहनीय जीवन शैली और पर्यावरण संरक्षण के संदेश के साथ माउंट एवरेस्ट की चोटी पर अंतिम चढ़ाई की।

बलजीत ने अपने अभियान के बारे में बात करते हुए कहा, ‘मुङो सस्टेनेबल इज अटेनेबल की ध्वजवाहक बनने और वहनीय जीवन से जुड़ी चर्चा को दुनिया के शीर्ष पर ले जाने की खुशी है। मैं अपने 23000 शुभचिंतकों वाले टाटा पावर परिवार के प्रति उनके निरंतर समर्थन और प्रोत्साहन के लिए आभार व्यक्त करना चाहती हूं।’ बलजीत का खेल में शानदार रिकॉर्ड रहा है और उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं। उन्होंने 2023 में भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन से पर्वतारोहण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रतिष्ठित स्वर्ण पदक प्राप्त किया था।बलजीत के नाम कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हैं मसलन वह 8000 मीटर से अधिक ऊंची सात चोटियों पर चढ़ने वाली पहली भारतीय हैं।

वह माउंट एवरैस्ट, माउंट लोत्से और माउंट मनास्लू पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला हैं जिन पर उन्होंने साहस, संकल्प शक्ति और दृढ़ता दिखाते हुए बिना ऑक्सीजन के चढ़ाई की। बलजीत की माउंट एवरैस्ट पर यह दूसरी चढ़ाई इस बार स्वच्छ तथा पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली और प्रकृति के साथ सह अस्तित्व से जुड़े उनके विचार से प्रेरित थी।

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