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उद्योगों से बिजली की सब्सिडी बहाल न हुई तो हिमाचल से बड़े स्तर पर उद्योगों का पलायन होगा : राकेश कौशल

ऊना: हरोली ब्लॉक औद्योगिक एसोसिएशन अध्यक्ष राकेश कौशल ने एक दर्जन से अधिक उद्योगपतियों के साथ ऊना में पत्रकार वार्ता करते हुए उद्योगपतियों के दर्द को ब्या किया। राकेश कौशल ने कहा कि प्रदेश की सरकार ने उद्योगों से जो बिजली की सब्सिडी बंद की है ,उसके चलते उद्योगों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि टाहलीवाल क्षेत्र में ही 9 उद्योगों पर करीब 14 करोड़ का बोझ आएगा, जो सहन करना मुश्किल है। राकेश कौशल ने कहा कि लोहा सहित अन्य के उद्योग हैं जिनका रॉ मटेरियल ही बिजली है, ऐसे में जो उद्योग पहले से लाखों यूनिट प्रति माह बिजली के कंज्यूम कर रहे हैं और सब्सिडी बंद होने से नुकसान होगा और यह उद्योग काम करने की बजाय हिमाचल से पलायन करने का मन बनाएंगे। राकेश कौशल ने कहा कि कई उद्योगपति परेशान है और वह पंजाब व अन्य क्षेत्रों में अपने उद्योग को शिफ्ट करने की योजना बनाने लगे हैं, अगर ऐसा होता है तो यह प्रदेश सरकार के लिए राजस्व रोजगार में बहुत बड़ा झटका होगा।

राकेश कौशल ने कहा कि हिमाचल वेलफेयर स्टेट है ऐसे में वेलफेयर स्टेट अपनी नीतियों से अगर उद्योगों सहित अन्य वर्गों को नुकसान पहुंचाने का काम करेगी तो निश्चित रूप से बहुत बड़ा नुकसान आर्थकी पर पड़ेगा। राकेश कौशल ने कहा कि सरकार ने उद्योगों की देनदारी जो बिजली के बिलों की देनी है वह नहीं दी है उसे भी एडजस्ट किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्राउंड लेवल पर आकर सरकार को उद्योगों की हालत जांचनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बंद कमरों में बैठकर योजनाएं बनाने से कुछ नहीं होगा। राकेश कौशल ने कहा कि जिला ऊना से ही कई उद्योगपति उद्योग बंद करने की सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिजली कमजंक्शन का 65% उद्योग खर्च कर रहे हैं और उसका प्रतिमाह रेवेन्यू बिजली बोर्ड को आ रहा है। राकेश कौशल ने कहा कि बिना सोचे समझे कोई भी नीति नहीं बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों से सलाह करके नीति सरकार बनाएप, कौशल ने कहा कि उद्योगपति सरकार को हर स्तर पर सहयोग देने का काम कर रहे हैं, लेकिन अगर उद्योग ही नहीं रहेगा तो सहयोग कैसा होगा? उन्होंने कहा कि हमारी चिंताएं हिमाचल प्रदेश को लेकर के हैं, हिमाचल प्रदेश की औद्योगिक नीति को लेकर के हैं।

उन्होंने कहा कि इसलिए सरकार के समक्ष हमारी मांग है कि बिना देरी उद्योगों से जो सब्सिडी बिजली की बन्द की गई है उसे बहाल किया जाए। उन्होंने कहा कि पंजाब उत्तराखंड जम्मू कश्मीर सहित अन्य राज्यों से महंगी बिजली हिमाचल में हो गई है और जबकि हिमाचल में बिजली का उत्पादन भी होता है, ऐसे में सरकार आर्थिक नुकसान ना करें। राकेश कौशल ने कहा कि हमने अनेक बार सरकार को रिप्रेजेंट किया है लेकिन सरकार फिलहाल किसी भी विषय पर गंभीर नजर नहीं आ रही। उन्होंने कहा कि अनेक बार तो उद्योगपतियों को हाई कोर्ट में जाकर राहत लेनी पड़ी है। राकेश कौशल ने कहा कि सरकार अपनी उद्योग नीति को तो देखें कि आखिर उसमें कहां-कहां अब बदलाव की जरूरत है? क्या कमी है? उन्होंने कहा कि जो प्लाट दिए जाते हैं वह भी पैसे के लिए जाते हैं,ऐसे में क्या सुविधा है जो सरकार दे रही है। उन्होंने कहा कि हम सरकार के निर्णय का विरोध कर रहे हैं .उन्होंने कहा कि जो जन विरोधी है ,उद्योग विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि अगर आज आवाज नहीं उठाएंगे तो उद्योग समाप्त हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री व उद्योग मंत्री को बिना देरी उद्योगों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियां हिमाचल को अलविदा कह रही हैं। राकेश कौशल ने कहा कि हमारी चिंता हिमाचल के उद्योग को बढ़ाने को लेकर के हैं इसलिए हम सब एकजुट होकर के सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि बिजली की सब्सिडी को बहाल किया जाए, केंद्र सरकार से उद्योगों के लिए राहत ली जाए नहीं तो प्रदेश की सरकार अपनी उद्योग पॉलिसी में परिवर्तन करें तब उद्योग आगे बढ़ेगा वरना उद्योग के पहिए जाम हो जाएंगे। इस अवसर पर ममहासचिव रोहित वर्मा सलाहकार आरसी तनेजा, उपाध्यक्ष नगेन्द्र सिंह, सलाहकार राजन धीर, क्रिमिका राजवीर सिंह, दीपक फास्टनर से किरनदीप, वर्धमान इस्पात बलजीत, मैहतपुर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन अध्यक्ष सीएस कपूर, संयुक्त सचिव सुशील मल्होत्रा, अम्ब गगरेट जीतपुर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान प्रमोद कुमार शर्मा, सालसन स्टील प्रिवेट लिमिटेड से सरदार कर्ण सिंह, लिव गार्ड इनर्जी टेक्नॉलिजी पावर लिमिटिड शिव पाल, कुलदीप यादव, ल्यूमिनस से अजय भारद्वाज मौजूद रहे ।

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