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यूरोपीय देशों में मृत मिलीं 22 महिलाओं के आज तक नहीं पता चले नाम, इंटरपोल ने शुरू किया अभियान

पेरिसः जर्मनी, बेल्जियम और नीदरलैंड में 43 साल के अंदर 22 महिलाओं के शव मिले, जिनकी आज तक पहचान नहीं हो पाई है। माना जाता है कि इनमें से ज्यादातर महिलाएं हिंसा की शिकार हुई थीं और पुलिस का कहना है कि कुछ महिलाओं की मौत के सिलसिले में र्दुव्‍यवहार या भुखमरी के सुराग मिले हैं। वे महिलाएं कौन थीं, यह अभी पता नहीं चल पाया है। जांचकर्ता आज भी पूरी शिद्दत से उनके हत्यारों की तलाश में जुटे हैं। पुलिस को उम्मीद है कि बुधवार को शुरू किए गए ‘ऑपरेशन आइडेंटिफाई मी’ से उन महिलाओं की पहचान और हत्यारों की तलाश में मदद मिल सकती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंटरपोल ने महिलाओं का नाम पता लगाने के लिए आम लोगों से मदद मांगी है।

अगर महिलाओं के नामों का पता चल जाता है तो इससे कम से कम पुलिस को एक फायदा तो होगा कि वह जांच के दौरान महिलाओं का जिक्र उनके नाम से कर पाएगी। पुलिस को अभी तक इन महिलाओं की पहचान का जिक्र उनके शवों पर मिले निशानों या कपड़ों से करना पड़ता है। जैसे एक की पहचान फूल टैटू वाली महिला के तौर पर की जाती है, तो दूसरी की शिनाख्त नकली नाखूनों वाली महिला के तौर पर होती है। या फिर उनके शव जहां से मिले हैं, उस स्थान के तौर पर पहचाना जाता है।

इनमें सबसे पुराना मामला 1976 का है जब एक पार्किंग स्थल से एक लड़की का शव मिला था। इसे द गर्ल इन पार्किंग लॉट मामला कहा जाता है। महिला का शव नीदरलैंड में ए12 राजमार्ग के पास मिला था। माना जाता है कि जब उसकी मौत हुई तो वह 13 से 20 वर्ष की रही होगी। फ्रांस के ल्योन में स्थित अंतरराष्ट्रीय पुलिस संस्था ‘इंटरपोल’ ने कुछ महिलाओं तस्वीरें साझा की हैं। इंटरपोल ने नीदरलैंड, जर्मनी और बेल्जियम पुलिस के हवाले से एक बयान में कहा कि माना जाता है कि कुछ महिलाएं पूर्वी यूरोप की थीं औप जांच को उलझाने के लिए संभवत: उनके शव बेल्जियम, नीदरलैंड और जर्मनी में छोड़े गए थे।

नीदरलैंड पुलिस ने कहा, कि 22 में से अधिकांश की मौत हिंसा के कारण हुई जबकि कुछ मरने से पहले उत्पीड़न और भुखमरी का शिकार हुईं। पुलिस को उम्मीद है कि उनके नाम जानने से संभावित अपराधियों के बारे में सबूत भी मिल सकते हैं। इससे उन्हें यह जानने में भी मदद मिलेगी कि कहीं ये हत्याएं किसी बड़े मामले से तो नहीं जुड़ी हुई हैं।

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