शक्तिपीठ चिंतपूर्णी मन्दिर में माता रानी को लगाए जाने वाला दिन में तीन समय का भोग अब ढोल नगाड़े और शहनाइ बजाकर गर्भ गृह तक ले जाया करेगा और इस भोग को मन्दिर के गर्भ गृह तक लाने के विशेषकर पंडित और मन्दिर के पुजारी सनातन तरीके से इस भोग को लेकर आएंगे।चिंतपूर्णी मन्दिर में भोग लाने की ये नई व्यवस्था शुरू कर दी गई है और पुजारी वर्ग के साथ मन्दिर प्रशासन ने मिलकर ये फैसला लिया है कि जंहा माता रानी का भोग बनता है उस कमरे से माता रानी की पिंडी तक माता रानी का भोग को लाने का तरीका ऐसा होना चाहिए जिसमें हमारा सनातन धर्म की सभ्यता की झलक भी नजर आए इसलिए अब माता रानी का भोग रोजाना ऐसे ही लगा करेगा।वंही पुजारी बारीदार सभा के प्रधान रविंदर छिंदा ने बताया कि चिंतपूर्णी मन्दिर में माता रानी का भोग दिन में सुबह दोपहर और शाम के समय लगाया जाता है अब पुजारी बारीदार और मन्दिर प्रशासन ने निर्णय लिया है कि माता रानी का भोग लगाने के लिए जब लाया जाएगा तो मन्दिर के पुजारी और पंडित ढोल नगाड़े और शहनाई के साथ इस भोग को गर्भ गृह तक लेकर आएंगे उन्होंने बताया की बाकी के मंदिरों में भी भोग लगाने की ऐसी ही व्यवस्था है।