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Paper लीक मामलाः मुख्य आरोपी उमा आजाद को 14 तक न्यायिक हिरासत में भेजा

हमीरपुर : कर्मचारी चयन आयोग जेओए आईटी पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी उमा आजाद को बुधवार को न्यायालय में पेश किया गया, जहां उन्हें अब 14 जनवरी तक बाकी आरोपियों के साथ न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। वहीं आरोपियों से बिजीलेंस टीम गहनता से पूछताछ कर रही है जिससे आगे आने वाले दिनों जांच में कई और बड़े खुलासे हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त विजिलेंस की टीम कार्यालय के दस्तावेजों प्रतिदिन खंगाल रही है व अधिकारियों व कर्मचारियों से भी गहनता से पूछताछ की जा रही है।

कर्मचारी चयन आयोग में भर्ती प्रश्न पत्र लीक मामले में 8 आरोपियों को कोर्ट ने पुलिस रिमांड के बाद अब सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अब विजिलेंस ने इन 8 आरोपियों से गहनता से पूछताछ की है और अब सुई पूर्व सचिव की ओर घुम गई है। क्योंकि पूर्व सचिव काफी लंबे अरसे से यहीं पर डेरा जमाए हुए थे और अब विजिलेंस इनसे पूछताछ तो कर रही है परंतु मामला दर्ज नहीं हो पाया है। जब तक इनके खिलाफ मामला दर्ज नहीं हो पाएगा तब तक इस मामले की वास्तविक स्थिति सामने नहीं आ पाएगी। अभी तक पूर्व सचिव के खिलाफ अनुमति नहीं है।

हालांकि मुख्य आरोपी तक ही जांच समिति होकर रह गई है। यही नहीं पूर्व सचिव के चालक अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए उच्चतम न्यायालय से अग्रिम जमानत ले रखी है। प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारी चयन आयोग में लीक मामले उजागर होते देख एक पावर कमेटी गठित की गई है। प्रदेश के शिक्षा सचिव अभिषेक जैन के नेतृत्व में टीम गठित की गई है। इसमें कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं और जैसे ही यह कमेटी गठित हुई तो पिछले दिनों से चयन आयोग में डेरा जमा दिया है। बुधवार को दूसरे दिन भी चयन आयोग के माध्यम होने वाली परिक्षाओं की जानकारी ली।

कमेटी द्वारा किस-किस तरह से पिछले सालों से विभिन्न श्रेणियों के पदों को भरने के लिए किस तरह आवेदन मांगे थे और किस तरह भर्ती की जाती थी, इसकी जानकारी ले रहे हैं। इस कमेटी में ओएसडी जितेंद्र सांजटा से भी सुझाव मांगे जा रहे हैं और यह कमेटी 16 जनवरी से पहले मुख्यमंत्री सुक्खू को चयन आयोग होने वाले सुधारों को लेकर अवगत करवाएंगे। पता चला है कि प्रदेश सरकार मंत्रिमंडल गठन के उपरांत कर्मचारी चयन आयोग में कई महत्वपूर्ण बदलाव कर सकता है। अभी भी चयन आयोग के कर्मचारी व अधिकारी सहमे हुए हैं।

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