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संतों ने अपने दायित्वों को हमेशा निभाया है और आगे भी निभाते रहेंगे: राम मोहन दास रामायणी

जोगिंदर नगर: अखिल भारतीय सन्त समिति के अध्यक्ष श्री श्री 1008 महन्त राम मोहन दास रामायणी ने एसपी मंडी के उस ब्यान पर चिंता जाहिर की है जिसमें उन्होनें कहा है कि जोगिंदर नगर के आसपास होने वाली चोरियों की वारदातों का भय क्षेत्र में नहीं है जितना अराजक तत्वों की दहशत से सांप्रदायिक माहौल खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होनें एसपी मंडी से निवेदन किया कि इस बात को प्रमाणित करें कि उन्होनें इस बात को क्यों कहा। एक दिन पहले एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर ये बातें कही थी जो समाचार पत्रों के माध्यम से प्रकाशित हुईं हैं।

जोगिंद्रनगर में शुक्रवार को अखिल भारतीय सन्त समिति के अध्यक्ष श्री श्री 1008 महन्त राम मोहन दास रामायणी ने कहा कि जब से उन्होनें हिन्दू समाज को जागृत करने तथा उन्हें असमाजिक तत्वों से सजग रहने का बीडा उठाया है तब से उन्हें इसका अंजाम भुगतने की धमकी दी जा रही है । गत दिन पहले लदरूहीं में भी उन्हें अनजाम भुगतने की धमकी दी गई। उन्होनें प्रदेश के डीजीपी तथा जोगिंद्रनगर पुलिस थाना को मेल भेज कर सुरक्षा की मांग की है । रामायणी ने कहा कि अगर उन्हें कुछ हुआ तो इसके लिये प्रदेश तथा देश के गृह मंत्री जिम्मेवार होगें। रामायणी ने यह बातें जोगिंद्रनगर में आयोजित प्रैस वार्ता को सम्बोधित करते हुये कहीं।

उन्होंने ने कहा कि जोगिंद्रनगर में पिछले कुछ समय से बाहरी राज्यों से एक समुदाय के लोगों का यहां बिना पुलिस वेरिफिकेशन के रहने पर उन्होने चिंता व्यक्त की थी। उन्होने धर्मगुरू से भी आग्रह किया था कि पुलिस से वेरिफिकेशन के बाद ही आप अपने यहां लोगों को आने की अनुमति दिया करें। लेकिन बाद में पाया गया कि बिना पुलिस वेरिफिकेशन के यह विशेष समुदाय के लोग यहां आ रहे है।जिससे शहर के आसपास लोगों को परेशानी हो रही है और अपराधिक घटनाऐं भी वढ रही है। जो लोग आते है उन्हें चाहिए कि अपने थाने का चरित्र प्रमाण पत्र बनवा कर यहां आये तथा थाने में अपना पहचान पत्र बना लें तथा करोबार करें । लेकिन धर्म गुरू ने ऐसा करने से मना कर दिया। रामायणी ने कहा कि मौका पर पाया गया कि कुछ लोगों के पास कोई पहचान पत्र नहीं थे वह कब आये है कहां रह है कोई जानकारी उनके पास नहीं थी।

कईयों की स्वीकृति एक्सपायर हो चुकी थी। शहर में व्यापार कर रहे ऐसे लोगों से आग्रह किया गया कि वह अपनी एन्ट्री पुलिस में करवायें।उन्होंने कहा की उनकी इस पहल के बाद करीब 400 से अधिक बाहरी राज्यो के प्रवासी लोगों ने अपना नाम पुलिस थाने में दर्ज करवाया है। रामायणी ने कहा कि वह मरने की परवाह नहीं करते है हिन्दू समाज को जागृत करने के लिये उन्होनें अपना पूरा जीवन समर्पित किया है। उन्होंने कहा कि जहां जहां हिन्दू अल्पमत में आया है वहां हिंदूओं का क्या हर्ष हुआ है हमने देखा है। इस लिये वह पूरे देश व विदेश में हिन्दूओं को सजग करते रहेगें। सनातन धर्म की रक्षा के लिये सन्तों ने पहले भी अपनी जान की परवाह किये बिना अपने दायित्वों को निभाया है और आगे भी संत समाज इस दायित्व को निभाता रहेगा।

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