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लगातार धंस रहा दरकाली पंचायत का शरनाल गांव, करीब 10-10 फुट गहरी दरारें पड़ने से ग्रामीण खौफजदा

रामपुर बुशहरः शिमला जिले के रामपुर उपमंडल के अंतर्गत आने वाला दरकाली पंचायत का शरनाल गांव लगातार धंस रहा है। जानकारी के अनुसार गांव का एक हिस्सा पूरी तरह से भू स्खलन की चपेट में आ गया है। गांव के साथ लगता स्कूल के हिस्से में 10-10 फुट की दरारें आ चुकी है। यहां तक कि शरनाल गांव के नागीराम का घर इस भू स्खलन की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हो गया है। शरनाल गांव में धंसने की ये घटना अगस्त माह से शुरू हुई। अगर समय रहते इसपर ध्यान दिया होता तो ग्रामीणों का इतना नुक्सान नहीं होता, लेकिन 6 माह गुजर जाने के बाद भी मौके पर कुछ नहीं हो पाया है। जिससे धीरे धीरे पूरी जमीन खिसक रही है। पंचायत ने इस बारे में जिला प्रशासन और भू संरक्षण विभाग को लिखित में सूचित किया है।

इतना ही नहीं भू संरक्षण विभाग की टीम ने मौके पर आकर इस धंसने वाले प्वाईंट का निरीक्षण भी किया। लेकिन मौके पर काम शुरू नहीं हो पाया। जिससे अब पूरा गांव धंसने के कगार पर है। अगर धंसने की प्रक्रिया ऐसी ही चलती रही तो आने वाले समय में पूरा गांव इसकी चपेट में आ जाएगा। नागीराम का कहना है कि इस प्वाईंट पर उनका पुश्तैनी मकान था। जो इस धंसने वाले प्वाईंट की चपेट में आ गया। अब दूसरा मकान भी लगातार धंस रहा है। अगर ऐसा हुआ तो उनके सिर से छत छीन जाएगी और वह बेघर हो जाएगें।

वहीं इस धंसने वाले प्वाईंट के बिल्कुल करीब स्कूल का भवन है, जबकि यहां पर बड़ी संख्या में ग्रामीणों की उपजाऊ जमीन भी है। जो इस भू स्खलन से बर्बाद हो चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि छ माह तो गुजर गए है। लेकिन अभी तक मौके पर कोई काम शुरू नहीं हो पाया है। अगर समय रहते यहां पर क्रेट वॉल लग जाती तो ये धंसना रूक सकता था। लेकिन काम अभी तक कागजों में ही चल रहा है। पंचायत प्रधान गुलजारी सानी का कहना है कि इस बारे में जिला प्रशासन और भू संरक्षण विभाग को लिखित में सूचित किया जा चुका है। भू संरक्षण विभाग ने तो यहां के लिए क्रेट लगाने का प्रावधान भी कर दिया था, लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण यहां पर काम शुरू नहीं हो पाया। अब राजनीति की भेंट पूरा शरनाल गांव भेंट चढ़ रहा है।

वही जानकारी देते हुए भू-सरक्षण अधिकारी रामपुर अशोक कुमार ने बताया कि उसके लिए सभी को सहयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि यहां पर भूमि कटाव हो रहा है, लेकिन ऐसे में सभी को सहयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि पानी की निकासी होना, पेड़ लगाना, क्रेट वाल लगाना इत्यादि सभी विभागों को मिलकर इस पर कार्य करना होगा। उन्होंने बताया कि एक से दो बार वहां का निरीक्षण कर दिया है जिस पर वे कार्य कर रहे हैं वहां पर लगातार भूमि बैठ रही है।

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