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श्री रामलीला मंचन 7वां दिन; साधु के भेष में रावण ने किया सीता हरण, जटायु का किया वध

ऊना: श्री रामलीला कमेटी ऊना द्वारा आयोजित श्री रामलीला मंचन के 7 वें दिन माहौल राममय हो गया जब शबरी का प्रसंग दिखाया गया, तब राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी…. के सुंदर भजन पर भक्तिमयः माहौल हो गया। श्री राम के जयकारों के बीच श्रीराम व शबरी का मिलन हुआ। शबरी ने प्रभु राम का स्वागत किया और उन्हें बेर खिलाए भगवान राम ने शबरी के झूठे बेर खाए, वही लक्ष्मण ने उन वेरों को फेंक दिया। शबरी के उद्धार के बाद श्रीराम भाई लक्ष्मण के साथ सीता माता की तलाश में आगे बढ़े। वहीं इससे पहले प्रसंग में जय प्रिया शरण व उनके कलाकारों ने सुंदर मंचन सीता हरण का दिखाया, कथा व्यास विष्णु जी ने सुंदर शब्दों में व्याख्यान करते हुए श्रद्धालुओं को रामलीला मंचन से जोड़ रखा ।रावण क्रोध में श्री राम व लक्ष्मण से स्वरूपनखा व अन्य भाइयों का बदला लेने के लिए मारीच को स्वर्ण हिरण बनाकर चित्रकूट में भेजता है ,जिस पर माता सीता कहती है कि यह सुंदर हिरन पकड़ कर श्री राम लाएं।

श्री राम हिरण के पीछे जाते हैं तभी हिरण में मायावी रूप से श्री राम की आवाज में बचाओ बचाओ लक्ष्मण शोर मचाता है ।माता सीता जब यह आवाज सुनती है तो लक्ष्मण को कहती है कि भैया लक्ष्मण श्री राम मुसीबत में है, लक्ष्मण जाओ उनकी मदद करो, लक्षण कहते हैं कि प्रभु श्री राम पर कोई मुसीबत नहीं आ सकती माता, मैं आपकी सुरक्षा में हूं मैं कहीं नहीं जाऊंगा, जिस पर माता सीता जब कटु वचन बोलती हैं तो लक्ष्मण माता सीता की रक्षा के लिए लक्षण रेखा खींचकर श्री राम को देखने जाता है। तभी साधु के वेश में रावण पहुंचता है। रावण भिक्षा मांगता है और जब माता सीता भिक्षा देने लगती हैं, रावण रेखा को पार करता है तो आग निकलती है जिस पर रावण डर जाता है और माता सीता को बाहर आकर भिक्षा देने को कहता है ।माता सीता बाहर जैसे ही निकलती हैं ,ब्राह्मण के भेष में रावण अपने असली रूप में आता है और माता सीता का हरण कर लेता है। जटायु माता सीता को बचाने का प्रयास करता है और रावण के साथ युद्ध करते हुए मारा जाता है ।

श्री राम वन में लक्ष्मण को अपने पास देखकर कहते हैं कि भाई तुम यहां कैसे ,तो पूरा वृतांत लक्षण बताते हैं, तो श्री राम कहते हैं कि कुछ अनहोनी हुई है सीता कुटिया में नहीं होगी, भागते हुए जब दोनों भाई आते हैं तो देखते हैं कि सीता नहीं है ,तो वियोग करते हैं और सीता को ढूंढने के लिए वनों में निकलते हैं, रास्ते में उन्हें जटायु मिलते हैं जटायु कहते हैं की रावण अपने साथ माता सीता को लंका में ले गया है, सीता को हरते हुए और श्री राम जटायु का अंतिम संस्कार करते हैं। इसके बाद आगे हनुमान जी से मुलाकात होती है और वहां माता सीता के आभूषण दिखाए जाते हैं जिन्हें श्री राम पहचानते हैं और सुग्रीव के साथ मित्रता करते हैं और बाली वध का वचन देते हैं।सातवें दिन गुरु का लंगर सेवा समिति ट्रस्ट के अध्यक्ष अश्वनी जेतिक , उपाध्यक्ष दिनेश गुप्ता, नवीन पुरी ,तरसेम शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहकर दीप प्रजनन करते हैं और श्री रामलीला के मंचन को सभी ने सराहा

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