शिमला: सूबे में लगातार पड़ रहे सूखे ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। सरकार ने सूखे की वजह से खेती को होने वाले नुकसान की रिपोर्ट कृषि विभाग से तलब की है। सरकार के फरमान के बाद कृषि विभाग ने फील्ड से नुकसान की रिपोर्ट मंगवाई है। एक ओर जहां सरकार ने खेती को हुए नुकसान की रिपोर्ट तलब की है, वहीं दूसरी ओर जिलाधीशों के साथ-साथकृषि विभाग के अधिकारियों को स्थिति पर नजर रखने के लिए कहा है। सूबे में सितंबर माह से बारिश न होने से रबी की फ सलों पर संकट पैदा हो गया है। सबसे ज्यादा गेहूं की फसल को लेकर किसान चिंतित हो गए हैं। गेहूं की फसल का बिजाई करने का उपयुक्त समय अक्तूबर से दिसंबर तक होता है।
आम तौर पर अभी तक गेहूं की फसल की बिजाई किसानों द्वारा कर दी जाती है और इन दिनों खेतों में गेहूं की फसल पर खाद डालने का काम शुरू किया जाता है, लेकिन बारिश न होने से अभी तक खेतों में नमी नहीं आई है, जिससे कि किसान गेहूं की फसल की बिजाई नहीं कर पाए हैं। ऐसे में अगर दिसंबर माह में भी बारिश नहीं हुई तो गेहूं की पैदावार पर संकट खड़ा हो जाएगा। इसी को लेकर अब सरकार ने विभाग से रिपोर्ट मांगी है। जिसमें अभी तक क्या नुकसान सूखे की वजह से हुआ है यह जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा एक हाई लेवल बैठक भी होगी, जिसमें आगामी रणनीति को तैयार किया जाएगा।
राज्य में जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति, किन्नौर तथा अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों को छोड़कर अन्य सभी स्थानों पर रबी की फसल लगाई जाती है। रबी की प्रमुख फसलों में गेहूं, चना, मटर, जौ, सरसों, अलसी, मसूरख् आलू व तिलहन आदि शामिल हैं। इनमें से गेहूं प्रमुख रूप से उगाई जाती है। रबी की फसलों को सर्दियों के मौसम में बोया जाता है और बसंत ऋ तु में काटा जाता है।