नाहन में बड़े ही हर्षोउल्लास और धूमधाम से मनाया गया वामन द्वादशी का पावन पर्व

ऐतिहासिक नाहन शहर में आज वामन द्वादशी का पावन पर्व बड़ी आस्था व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान शहर के विभिन्न ऐतिहासिक मंदिरों से सुसज्जित पालकियों में सवार भगवान को नगर भ्रमण करवाया गया भी करवाया गया। इस शोभायात्रा में श्री जगन्नाथ मंदिर से दो पालकियों सहित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, श्री रघुनाथ.

ऐतिहासिक नाहन शहर में आज वामन द्वादशी का पावन पर्व बड़ी आस्था व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान शहर के विभिन्न ऐतिहासिक मंदिरों से सुसज्जित पालकियों में सवार भगवान को नगर भ्रमण करवाया गया भी करवाया गया। इस शोभायात्रा में श्री जगन्नाथ मंदिर से दो पालकियों सहित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, श्री रघुनाथ मंदिर, सनातन धर्म मंदिर, नौनी का बाग मंदिर, शिव मंदिर रानीताल आदि 9 पालकियां शामिल रही। इस दौरान पालकियों को अपने कंधे पर उठाए श्रद्धालुओं के वामन भगवान के जय घोषों से शहर गूंज उठा। सर्वप्रथम सभी पालकियां श्री जगन्नाथ मंदिर बड़ा चौक में एकत्रित हुई। जहा सभी पालकियों में सवार भगवान की पूजा अर्चना और भोग लगाने के बाद शुरू हुई शोभा यात्रा हिंदू आश्रम, नया बाजार, माल राेड, गुन्नू घाट हाेते हुए पक्का टैंक महादेव मंदिर के पास मेला स्थल पहुँची। इस दौरान जगह जगह हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पालकियों के समक्ष अपना शीश नवाया। इस बीच नाहन में मूसलाधार बारिश शुरू हो गई, खास बात तो यह है कि अपने कंधों पर पालकियां उठाकर निकले श्रद्धालुओं का उत्साह बारिश से कम नहीं हुआ। बता दे कि वामन द्वादशी के उपलक्ष पर पक्का टैंक में मेले का आयोजन भी किया जाता है। सदियों पुरानी इस परंपरा का निर्वाह आज भी नाहन में पूरी आस्था के साथ होता हैं । माना जाता हैं कि रियासत काल में शुरू हुआ यह मेला करीब 300 वर्ष पुराना है। लिहाजा उत्तर भारत में मनाए जाने वाले वामन द्वादशी पर्व में नाहन का वामन द्वादशी मेला अपनी एक अलग पहचान रखता है।

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