Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

वेंडर ने प्रदेश सरकार से रखी मांग, ई स्टांप पर बढ़ाई जाए 10 प्रतिशत कमीशन

भारत सरकार के द्वारा ई स्टांप पर स्टांप वेंडर की जो कमीशन चार प्रतिशत से एक प्रतिशत करने का फैसला लिया गया है। वह बिल्कुल भी सही नहीं है और केंद्र सरकार से मांग रखते हैं कि उनकी कमिशन को पहले की तरह चार प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जाए। इसी विषय को लेकर स्टांप वेंडर ने एक ज्ञापन प्रदेश के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को भेजा और मांग रखी कि इस विषय में जल्द से जल्द निर्णय लिया जाए स्टांप वेंडर का कार्य कर रहे विक्रेताओं का कहना है कि साल 1973 से ही उन्हें स्टंप पेपर पर 4% कमीशन दी जा रही है और उसी से वह अपने परिवार का गुजारा कर रहे हैं।

बीते 50 सालों से उन्होंने कभी भी कमीशन को बढ़ाने के लिए नहीं कहा है। लेकिन अब महंगाई में भी दिन-रात का अंतर आ चुका है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार के द्वारा अब ई स्टांप बेचने का फैसला लिया गया है और उस पर मात्र 1 प्रतिशत कमीशन दी जानी है । जो किसी भी तरह से मान्य नहीं होगी। क्योंकि मौजूदा समय में रॉ मैटेरियल काफी महंगा है और आज के समय में खर्च भी काफी बढ़ गए हैं। वही, उनका कहना है कि कई स्टांप वेंडर ऐसे हैं जो ना कि कंप्यूटर चलाना नहीं जानते हैं और उन्हें अपना काम करने के लिए भी किसी ट्रेंड व्यक्ति को कम पर रखना होगा। ई स्टांप के लिए उन्हें जगह का भी प्रावधान करना होगा। वहीं ज्यादातर स्टांप पेपर 10, 20 से लेकर ₹100 के प्रतिदिन बिकते हैं और हर दिन 1000 से ₹2000 के बीच में स्टांप पेपर का विक्रय होता है। इस पर अगर एक प्रतिशत के हिसाब से कमीशन दी जाए तो उन्हें मात्र ₹20 ही कमीशन मिलेगी। जबकि उनका खर्च ₹500 से अधिक प्रतिदिन पड़ता है। इसी विषय को लेकर प्रदेश सरकार को भी ज्ञापन भेजा गया और मांग रखी गई है कि वह मौजूदा कमीशन को 4% से 10% प्रतिशत करें। ताकि उन्हें अपने परिवार के भरण पोषण में दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

Exit mobile version