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विभिन्न सरकारों ने कई दशकों तक अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को वोटबैंक तक ही रखा सीमित : इंदु गोस्वामी

हमीरपुर (कपिल) : राज्यसभा सांसद इंदु गोस्वामी ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप के त्यागपत्र को लेकर पूरी तरह कन्नी काटती रहीं, जब उनका ध्यान मीडिया में सुरेश कश्यप के त्यागपत्र को लेकर हो रही चर्चा की ओर दिलाया गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि उनको इस बारे में कोई जानकारी नहीं है मैनें भी मीडिया में ही देखा। इन्दु गोस्वामी शनिवार को जिलामुख्यालय के नेरी में मीडिया से रू-ब-रू होते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप के इस्तीफे की उनके ध्यान में कोई बात नहीं है वह अभी भी भाजपा के अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व यह तय करता है कि राज्य भाजपा अध्यक्ष कौन होगा जो इसके लिए काबिल होगा वही अध्यक्ष पद पर काबिज होगा।

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कई दशकों तक विभिन्न सरकारों ने अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों की अनदेखी की और इन्हें केवल वोटबैंक तक ही सीमति रखा। नरेंद्र मोदी की सरकार ने इन जनजातियों, आदिवासियों और वनवासियों के उत्थान व कल्याण के लिए कई ऐतिहासिक निर्णय लिये हैं। इंदु गोस्वामी ने कहा कि आदिवासी, वनवासी और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग सदियों से हमारे प्राकृतिक संपदा, जल, जंगल और जमीन का संरक्षण करते आ रहे हैं।

प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर इन इलाकों के आसपास रहने वाले अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग देश के आर्थिक विकास तथा पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में बहुत बड़ी भूमिका अदा करते हैं। दुर्भाग्यवश, आजादी के बाद कई दशकों तक अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों के इस योगदान को सम्मान नहीं दिया गया। इंदु गोस्वामी ने कहा कि वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनते ही अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों, आदिवासियों और वनवासियों के लिए भी एक नये युग की शुरु आत हुई।

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