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मंदिरों में खत्म हो VIP कल्चर, सबको मिले एक समान सुविधाएं : गोविंद ठाकुर

कुल्लू (सृष्टि) : भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की सुक्खू सरकार द्वारा माता चिंतपूर्णी के दर्शन के लिए शुल्क का प्रावधान किए जाने का फैसला सर्वथा अनुचित और दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि है देवताओं के दर्शन के लिए 1100 रुपए का शुल्क लगाना औचित्यपूर्ण नहीं हैं। गोविंद ठाकुर ने कहा कि आज से पहले प्रदेश में ऐसा कभी नहीं हुआ है और हम इस परम्परा के खिलाफ हैं।

पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपनी चुनावी गारंटीओं को पूरा करने और आय के साधन बढ़ाने के लिए इस तरह के ओछे निर्णय ले रहे हैं। जिसकी वह घोर निंदा करते है। उन्होंने कहा कि सरकार मंदिरों के आस-पास के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाती है जिससे मंदिरों और शक्तिपीठों में दर्शनार्थी आते हैं और पर्यटन स्वतः बढ़ता और प्रदेश की आय में वृद्धि होती है।

भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू हमेशा हिंदुत्व के विरोध में बयानबाजी करते आ रहे हैं। 97 प्रतिशत हिंदू आबादी वाले राज्य को जीता है इसलिए वह हिंदू और हिंदुत्व के विरोध में इस तरह के निर्णय ले रहे है। पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से सवाल किया है क्या आप अन्य पंथ संप्रदाय के जो भी धार्मिक स्थल है।

उनमें क्या यह सरकार इस तरह के शुल्क लगाने की हिम्मत रखती है। सरकार इस फैसले को तुरंत वापस लें। उन्होंने कहा कि वीआईपी कल्चर को खत्म करने की ज़रूरत है लेकिन प्रदेश की सुक्खू सरकार इसे बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि मंदिरों में दर्शन करने के लिए कोई भी श्रेणी नहीं होती है इसलिए सुक्खू सरकार इस सुगम प्रणाली को तुरंत प्रभाव से वापस लें।

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