कुल्लूः कुल्लू की मणिकर्ण घाटी के मलाणा में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के बंद पड़े गेट को खोलने का कार्य जारी है। यहां पर एनडीआरएफ की टीम लगातार प्रोजेक्ट प्रबंधन की मदद कर रही है। लेकिन अभी तक गेट को खोलने के लिए सफलता नहीं मिल पाई है। बताया जा रहा है कि गेट को खोलने के लिए जो मशीन वहां पर रखी गई है। उसमें तकनीकी खराबी आ गई है। अब एनडीआरएफ के जवान मैनुअल तरीके से भी गेट को खोलने का कार्य कर रहे हैं।
हालांकि एनडीआरएफ के जवानों के द्वारा मलबे को काफी हद तक हटा दिया गया है। उसके बावजूद भी पानी का रिसाव अभी भी ऊपर से हो रहा है। इसके अलावा डैम के दूसरी ओर जाने वाली सड़क भी पानी के कारण बह गई है। जिससे भी सब कार्यों में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एनडीआरएफ के कमांडेंट बलजीत सिंह भी यहां पर लगातार राहत कार्यों का जायजा ले रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार डैम के ऊपर गेट खोलने के लिए कन्ट्रोल रूम में पहुंचने के लिए पहुंच नहीं बन पा रही है। क्योंकि बांध के पानी की वजह से सड़क बह गई है। एनडीआरएफ टीम का मुख्य कार्य तकनीकी कर्मचारियों और मजदूरों को बांध के चैनल के शीर्ष पर स्थित गैन्ट्री होइस्ट/क्रेन (जो कि तकनीकी खराबी के कारण काम नहीं कर रही) तक पहुंचना था। ताकि इसकी मरम्मत की जा सके और बांध के अवरुद्ध गेटों को खोला जा सके, लेकिन पानी का अतिप्रवाह एक बड़ी बाधा थी, इसलिए सबसे पहले टीम ने मजदूरों के साथ पर्वतारोहण उपकरण की मदद से बांध के किनारे के आउटलेट बिंदु पर फंसे मलबे/लट्ठों को साफ किया। जिससे डैम का जलस्तर कम हो गया।
फिर बांध पर लगे गैन्ट्री/क्रेन तक पहुंचने के लिए टीम ने चैनल पर लगभग 60 मीटर पार किया। लेकिन गेन्ट्री का बेस टुटने के कारण कार्य नहीं हो पाया। अब टीम के द्वारा गेट को मैनुअल तरीके से खोलने का कार्य किया जा रहा है। डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग का कहना है कि मलाणा में स्थिति सामान्य है और यहां पर पानी का बहाव अब काफी कम हो गया है। ऐसे में उम्मीद है कि जल्द ही बंद पड़े गेट को खोल दिया जाएगा।बता दें कि अगर डैम को कोई नुकसान पहुंचता है तो मलाणा नाले में बाढ़ तो आएगी ही साथ में पार्वती और ब्यास नदी का जल स्तर बढ़ना भी तय है. इसलिये प्रशासन ने एहतियान नदी किनारे और निचले इलाकों को खाली करवाया हैं।