Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

21 दिसंबर को चिंतपूर्णी में आयोजित होगी “पीएम विश्वकर्मा” योजना की कार्यशाला: महेंद्र धर्माणी

शिमला (गजेंद्र) : “पीएम विश्वकर्मा” योजना से पारम्परिक और ग्रामीण कारीगरों के हुनर को मिलेगी नई उड़ान और कारीगरों को अपने हुनर व प्रतिभा को विश्वमंच पर दिखाने के अवसर मिलेंगे। यह बात प्रदेश प्रवक्ता व विश्वकर्मा योजना के प्रदेश सयोंजक महेंद्र धर्माणी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहीं। उन्होंने बताया कि “पीएम विश्वकर्मा” योजना की एकदिवसीय कार्यशाला 21दिसम्बर को चिंतपूर्णी में आयोजित की जाएगी, जिसमें प्रदेश के 12 प्रशासनिक जिलों व 68 विधानसभा क्षेत्रों से 300 प्रतिभागी भाग लेंगे। इस कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल संगठन मंत्री सिद्धार्थन व प्रदेश मंत्री उत्तराखंड के केबिनेट मंत्री धन सिंह रावत विशेष तौर पर उपस्थित रहेंगे।

उन्होंने इस योजना की जानकारी देते हुए कहा कि देश की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा “पीएम विश्वकर्मा” योजना प्रारम्भ करने से पारम्परिक और ग्रामीण कारीगरों के हुनर को नई दिशा और गति मिलेगी। केन्द्र सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई। इस योजना से देश के लाखों कारीगर लाभान्वित और कुशल होगा। उन्होंने कहा कि भारत की पारम्पारिक कला और कारीगरों को अपने हुनर और प्रतिभा को विश्वमंच पर दिखाने के अवसर प्राप्त होंगे।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता महेन्द्र धर्मानी ने कहा कि इस योजना से मोदी सरकार विश्वकर्मा साथियों के सामर्थ्य और समृद्धि बढ़ाने के लिये सहयोगी साबित होंगी। हजारों वर्षों की अपने देश की पारम्पारिक तकनीक और कुशलता के संरक्षण और संवर्धन के लिए यह योजना मददगार और सहायक सिद्ध होगीं। महेंद्र धर्माणी कहा कि इस योजना में 18 अलग-2 तरह के काम करने वाले विश्वकर्मा (कारीगरों) को शामिल करके लाभ देने की योजना केन्द्र सरकार ने प्रारम्भ की है। इस योजना के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में रहकर अपने हुनर से अपनी कला की परम्परा का संरक्षण करने वाले बढई, लोहार, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, धोबी, राज मिस्त्री, नाई, माला बनाने वाला, कपडे का काम करने वाला, अन्य लोगों को शामिल करने का निर्णय ऐतिहासिक है।

महेन्द्र धर्मानी ने कहा इस योजना के लिए 13 हजार करोड़ रुपए बजट का प्रावधान केन्द्र सरकार द्वारा किया गया है, जो स्वागत योग्य है। इस योजना से हस्त व मशीन तथा परम्परागत रूप से काम करने वाले लोगों को मोदी सरकार 500 रुपए रोजाना भत्ता देगी। कारीगरों को आधुनिक औज़ार भी प्रदान किये जायेगें, जिसके लिए 15000 रुपए टूल किट के लिए दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 3 लाख तक का कर्ज बिना गारंटी से कम ब्याज पर कारीगरों को उपलब्ध करवाया जाएगा, जो सामान विश्वकर्मा (कारीगरों) द्वारा बनाया जाएगा। उसकी ब्राडिंग और पैकेजिंग से लेकर मार्केटिंग में भी सरकार सब प्रकार का सहयोग करेगी। महेन्द्र धर्मानी ने कहा कि “पीएम विश्वकर्मा” योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा “वोकल फॉर लोकल” को मजबूती प्रदान करेगी और भारत की परम्परा और हुनर को संरक्षण प्रदान करके देश की आर्थिकी को सुदृढ करेगी।

Exit mobile version