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कर्नाटक में 4 लाख 67 हजार 580 मकान और गरीबों के लिए आवंटित किए :कृषि मंत्री Shivraj Chauhan

नई दिल्ली: आज कर्नाटक सरकार के कृषि मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री और राजस्व मंत्री के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीटिंग की। इस दौरान उन्होंने
भारत सरकार की योजनाओं का रिव्यू किया।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने अपने ‘x’ अकाउंट पर लिखा, प्रधानमंत्री आवास योजना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का संकल्प है “हर गरीब को पक्का मकान”, तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद हमने सितंबर में कर्नाटक को 2 लाख 57 हजार 246 मकान बनाने की स्वीकृति दी थी, पैसा भी हमने अलॉट किया था।

आज कर्नाटक के गरीबों के मकान के लिए हमने फिर उस टारगेट को बढ़ाया है और कुल मिलाकर कर्नाटक के उन आवासों के अलावा 4 लाख 67 हजार 580 मकान और गरीबों के लिए आवंटित किए हैं। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए, प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में गरीबों की सेवा ही भगवान की पूजा है। हर गरीब का पक्का मकान बने, यह हमारा संकल्प है मैंने कर्नाटक सरकार को आग्रह किया है कि वह तेजी से मकानों के काम को पूरा करे ताकि सभी गरीबों के पक्के मकान बनाए जा सके।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, पहले जो हमने फंड्स रिलीज किए थे, उन्हें पूरी तरह से जल्दी यूटिलाइज करें। फिर, रेवेन्यू मिनिस्टर ने, वाटरशेड स्कीम के तहत आग्रह किया है तो 97 करोड़ रु. अतिरिक्त फंड हम वाटरशेड स्कीम के लिए कर्नाटक को रिलीज कर रहे हैं। एग्रिकल्चर मिनिस्टर ने मैकेनाइजेशन की स्कीम के तहत अतिरिक्त फंड की मांग की थी, वो भी हमने स्वीकार किया है। तीनों मंत्रियों ने मुझे कुछ और ज्ञापन सौंपे हैं। जैसे उन्होंने आत्मा योजना में कहा एडिशनल स्टाफ को सेंशन करने का, वो भी हमने माना है, जो केंद्रीय कृषि मंत्रालय की स्कीम है।

प्रधानमंत्री जी ने नेतृत्व में हमें वर्ष 2047 तक विकसित भारत का निर्माण करना है, विकसित भारत के लिए विकसित कर्नाटक, ये हमारा लक्ष्य है और कर्नाटक के विकास में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हम कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। राज्य सरकार से मेरा आग्रह है कि वो समय पर फंड ठीक ढंग से खर्च करे, यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भेजे तो भारत सरकार कर्नाटक की बेहतरी के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। मैं बहुत पाज़िटिव एटीट्यूड के साथ कर्नाटक के दौरे पर हूँ और अभी सुपारी उत्पादक किसानों से मिलने शिवमोगा भी जा रहा हूँ।

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