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रूटीन वैक्सीन से मिलने वाली इम्युनिटी कैंसर से लड़ने में सक्षम : रिसर्च

न्यूयॉर्कः शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि बचपन की वैक्सीन से एक प्रोटीन एंटीजन को खतरनाक टय़ूमर की कोशिकाओं में पहुंचाया जा सकता है ताकि शरीर के इम्यून सिस्टम को कैंसर के खिलाफ प्रभावी ढंग से रोका जा सके। बैक्टीरिया-बेस्ड इंट्रासेल्युलर डिलीवरी (आईडी) सिस्टम साल्मोनेला के नॉन-टॉक्सिक फॉर्म का इस्तेमाल करती है, जो सॉलिड टय़ूमर कैंसर सेल के अंदर होने के बाद इस मामले में एक वैक्सीन एंटीजन नामक दवा जारी करता है। फ्रंटियर्स इन इम्यूनोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक पेपर में मैसाचुसेट्स-एमहस्र्ट विश्वविद्यालय में केमिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर नील फोर्ब्स ने कहा, ’ऑफ-द-शेल्फ इम्यूनोथेरेपी के रूप में यह बैक्टीरियल सिस्टम कैंसर मरीजों की एक विस्तृत रेंज में प्रभावी होने की क्षमता रखती है।’

यह रिसर्च लीवर, मेटास्टैटिक ब्रेस्ट और अग्न्याशय के टय़ूमर सहित इलाज में मुश्किल कैंसर से निपटने का वादा करता है। टीम ने एक पेटेंट के लिए आवेदन किया है और कुछ सालों के भीतर क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने के प्रयास में एफडीए की मंजूरी लेने की योजना बनाई है। फोर्ब्स ने बताया, ‘हर किसी को कई चीजों का टीका लगाया जाता है और यदि आप वह टीकाकरण ले सकते हैं और इसे कैंसर की ओर लक्षित कर सकते हैं तो आप इसका उपयोग कैंसर को खत्म करने के लिए कर सकते हैं।‘ उनकी थ्योरी का टेस्ट करने के लिए कि इम्यून ट्रीटमेंट काम कर सकता है, फोर्ब्स और टीम ने आनुवंशिक रूप से आईडी साल्मोनेला को चूहों के अग्नाशयी टय़ूमर सेल्स में ओवलब्यूमिन (चिकन अंडे प्रोटीन) पहुंचाने के लिए इंजीनियर किया, जिन्हें ओवलब्यूमिन वैक्सीन से प्रतिरक्षित किया गया था।

शोधकर्ताओं ने दिखाया कि ओवलब्यूमिन कल्चर और टय़ूमर दोनों में सेल्स के साइटोप्लाज्म में फैल जाता है। ओवलब्यूमिन ने तब साइटोप्लाज्म में एक एंटीजन-स्पेसिफिक टी-सेल प्रतिक्रिया शुरू की जिसने कैंसर सेल्स पर हमला किया। पेपर में कहा गया है कि थेरेपी ने 43 प्रतिशत स्थापित अग्नाशयी टय़ूमर को साफ कर दिया, जीवित रहने में वृद्धि की और टय़ूमर के रिइंप्लांटेशन को रोका। फोर्ब्स ने कहा, ‘हमने अग्न्याशय चूहों के सात मॉडलों में से तीन का पूर्ण इलाज कर लिया है।‘ हम वास्तव में इसके बारे में उत्साहित हैं; इससे नाटकीय रूप से जीवित रहने में वृद्धि हुई है। इसके बाद टीम ने प्रतिरक्षित चूहों में अग्नाशय के टय़ूमर को फिर से पेश करने का प्रयास किया। परिणाम बेहद सकारात्मक थे। फोर्ब्स ने कहा, ‘कोई भी टय़ूमर नहीं बढ़ा, जिसका मतलब है कि चूहों ने न केवल ओवलब्यूमिन बल्कि कैंसर के प्रति भी इम्युनिटी विकसित कर ली है।‘

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