दिल्ली वसंतकुंज के रंगपुरी गांव में पिता ने अपनी चार दिव्यांग बेटियों के साथ सल्फास नामक जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी कर ली। बेटियां एक कमरे में एक ही बैड पर मृत मिली तो पिता हीरालाल दूसरे कमरे में बैड पर मृत मिला। एक वर्ष पहले पत्नी की कैंसर से मौत होने के बाद बेटियों की देखभाल की जिम्मेदारी उसके ऊपर आ गई थी। इस कारण वह नौकरी पर समय से नहीं जा पाता था। स्पाइनल इंजुरी अस्पताल ने उसे छह महीने पहले नौकरी से निकाल दिया था। शुरूआती जांच में ये बात सामने आई है कि बेटियों की देखभाल के अलावा वह बहुत ज्यादा आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। हीरालाल ने सामूहिक खुदकुशी जैसा कदम उठाने से पहले जितिया पूजा भी की थी। वसंतकुंज साउथ थाना पुलिस मेडिकल बोर्ड जरिए पांचों शवों का पोस्टमार्टम करवा रही है।
दक्षिण-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा ने बताया कि दिल्ली के वसंत कुंज इलाके के रंगपुरी गांव में एक ही परिवार के पांच लोगों द्वारा जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या की घटना का खुलासा शुक्रवार सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर पड़ोसियों द्वारा पुलिस को सूचना देने के बाद हुआ। घर से बदबू आने पर पड़ोसियों ने मकान मालिक व पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों से अंदर से बंद घर का दरवाजा तोड़ा तो पांच सड़े गले शव दो बैड पर अलग-अलग कमरे में पडे़ हुए थे। दिल्ली पुलिस के मुताबिक शुरुआती जांच से लग रहा है कि पेशे के कारपेंटर रहे पिता हीरालाल ने पहले सभी को सल्फास खिलाया और बाद में खुद पी लिया। शवों के पास से पुलिस को सल्फास की गोलियां और कमरे के डस्टबिन में जूस के टेट्रा पैक और पानी की बोतल मिली थी।