भारत और रूस मिलकर छात्रों के लिये रिसर्च , डिप्लोमा जैसे कई प्रोग्राम करेगें शुरू

सुखोई, ब्रह्रोस जैसे सुपरसोनिक मिसाइल के ज़रिये भारत और रूस की दोस्ती के क़िस्से खूब कहे जाते हैं । लेकिन अब रक्षा क्षात्र बाद शिक्षा के क्षेत्र में भी रूस डंका बजाने की तैयारी कर रहा है । जी 20 बैठक में रूसी राष्ट्रपति के शामिल ना होने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस-भारत के बीच.

सुखोई, ब्रह्रोस जैसे सुपरसोनिक मिसाइल के ज़रिये भारत और रूस की दोस्ती के क़िस्से खूब कहे जाते हैं । लेकिन अब रक्षा क्षात्र बाद शिक्षा के क्षेत्र में भी रूस डंका बजाने की तैयारी कर रहा है । जी 20 बैठक में रूसी राष्ट्रपति के शामिल ना होने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस-भारत के बीच रिश्ते को लेकर कई तरह के सवाल उठाये जा रहे थे । लेकिन कुछ ही दिनों के भीतर रूसी सरकार के वरिष्ठ मंत्री पावेल शवेत्सोव भारत दौरे पर पहुँचे। रूस के तक़रीबन 22 विश्वविद्यालयों के चांसलर, वाइस चांसलर , डीन, डायरेक्टरों की डेलीगेशन रूस में भारतीय छात्रों के रोज़गार की संभावना तलाशने के लिये अहम बैठक की । देश की की टॉप दस यूनिवर्सिटी आईआईटी दिल्ली , जेएनयू, दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया-मिलिया के डेलीगेशन के साथ रूसी डेलीगेशन ने राउंड टेबल बैठक की । जिसमें भारत-रूस यूनिवर्सिटी मिलकर छात्रों के लिये रिसर्च , डिप्लोमा जैसे कई प्रोग्राम शुरू कर सके ।

बैठक से उत्साहित रूसी कल्चर सेंटर ने वकायदा यूपी के नोएडा में छात्रों और रूसी यूनिवर्सिटी के बीच तालमेल के लिये फ़ैसिलिटी सेंटर का भी उद्घाटन कर दिया है । दिल्ली के रूसी कल्चर सेंटर में आयोजित समारोह में रूसी यूनिवर्सिटी के डेलीगेशन के साथ रूसी सरकार के डिप्टी मिनिस्टर शवेत्सोव पावेल ने कहा कि “दुनिया ने सिर्फ़ रूस-भारत की दोस्ती को रक्षा की तराज़ू में तौला है । हम इससे कहीं आगे शिक्षकों ज़रिये भारत के शांति के संदेश को आगे बढ़ायेंगे । जब यूक्रेन के साथ युद्ध पर सवाल पूछा गया तो रूस की तरफ़ से कहा गया कि यह कोई युद्ध नहीं बल्कि एक सैनिक ऑपरेशन है । इस मौक़े पर रूस के 22 यूनिवर्सिटीज ने अलग अलग कॉलेजों में 500 भारतीय छात्रों के लिये सौ फ़ीसदी स्कॉलरशिप प्रोग्राम का भी एलान किया । ये 22 विश्वविद्यालय रूस के उन इलाक़ों से है जहां रूस – यूक्रेन युद्ध का साया दूर दूर तक नहीं है । 2024-25 सत्र के लिये लगे एजुकेशन प्लान के तहत छात्रों के लिये आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस, साइबर फ़ाइनैंस, एमबीए , एमबीबीएस , टूरिज़्म के सेक्टर पर ज़ोर है ।

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