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भारतीय अंतरिक्ष यात्री अगले साल अप्रैल तक ISS पर जा सकते हैं : Jitendra Singh

उधमपुर: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि नासा-इसरो सहयोगात्मक पहल के तहत अगले साल अप्रैल तक एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जा सकते हैं। दो भारतीय अंतरिक्ष यात्री-पदनामित ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और प्रशांत बालकृष्णन नायर, एक्सिओम स्पेस एक्स-4 मिशन के लिए अमेरिका में प्रशिक्षण ले रहे हैं। इसरो ने शुक्ला को एक्स-4 मिशन के लिए नियुक्त किया है, जबकि नायर बैकअप उम्मीदवार होंगे। पिछले साल 23 अगस्त को चंद्रमा पर विक्रम लैंडर के उतरने के उपलक्ष्य में पहली बार मनाए जाने वाले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह से पहले यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में डा. सिंह ने कहा, अगले साल अप्रैल तक एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री आईएसएस की यात्र करेगा।
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की थीम चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा है।

इस अवसर पर, इसरो 23 अगस्त को चंद्रयान-3 मिशन द्वारा एकत्र किए गए वैज्ञानिक डाटा को जारी करेगा, जिसका उपयोग शोधकतार्ओं द्वारा किया जा सकता है। पिछले दो महीनों में देशभर में एक हजार से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुमरू यहां भारत मंडपम में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह में भाग लेगी और भारतीय अंतरिक्ष हैकाथॉन तथा इसरो रोबोटिक्स चैलेंज के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करेंगी। आगामी अंतरिक्ष मिशनों के बारे में जानकारी देते हुए इसरो के वैज्ञानिक सचिव शांतनु भटवडेकर ने कहा कि इसरो-नासा संयुक्त मिशन निसार अगले साल फरवरी के बाद लॉन्च होने की उम्मीद है। अब तक का सबसे महंगा उपग्रह बताया जा रहा पृथ्वी अवलोकन उपग्रह के 12 मीटर के रिफ्लेक्टर में कुछ गड़बड़ी आ गई थी और उसे सुधार के लिए वापस अमेरिका भेज दिया गया था। उम्मीद है कि रिफ्लेक्टर अक्टूबर तक भारत वापस आ जाएगा और उपग्रह के साथ एकीकृत हो जाएगा।

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