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भारतीय रेलवे की बड़ी पहल: वैश्विक मानकों के अनुरूप लॉजिस्टिक्स में सुधार का संकल्प

यह खंड 1,506 किलोमीटर लंबे पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) का अंतिम हिस्सा है, जो जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (JNPT) को जोड़ेगा।

Indian Railways Initiative : रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ सतीश कुमार ने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) के 102 किलोमीटर लंबे वैतरणा-जेएनपीटी खंड की प्रगति की व्यापक समीक्षा की। यह खंड 1,506 किलोमीटर लंबे पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) का अंतिम हिस्सा है, जो जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (JNPT) को जोड़ेगा।

बैठक रेलवे बोर्ड कार्यालय में आयोजित हुई, जिसमें रेलवे बोर्ड, DFCCIL, IRCON, टाटा प्रोजेक्ट्स और मित्सुई एंड कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इस दौरान परियोजना की मौजूदा स्थिति का गहन विश्लेषण किया गया और निर्माण में आ रही चुनौतियों पर चर्चा की गई।

Indian Railways Initiative

सतीश कुमार ने खंड के निर्माण में हुई देरी पर असंतोष व्यक्त करते हुए संबंधित सभी एजेंसियों को निर्देश दिए कि कार्य में तेजी लाई जाए और इसे समय से पहले पूरा किया जाए। उन्होंने परियोजना की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को बनाए रखने पर विशेष जोर दिया।

DFCCIL के प्रबंध निदेशक प्रवीण कुमार, IRCON के प्रबंध निदेशक हरि मोहन गुप्ता, टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के एमडी विनायक पई और मित्सुई एंड कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी के सुगीमोटो समेत अन्य ने निर्धारित समय सीमा के भीतर परियोजना पूरी करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

वैतरणा-जेएनपीटी खंड भारत के लॉजिस्टिक्स ढांचे को मजबूत करेगा और माल परिवहन को तेज व निर्बाध बनाएगा। यह खंड क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ देश की बढ़ती माल ढुलाई मांगों को पूरा करने में सहायक होगा।

सतीश कुमार ने कहा, “यह परियोजना न केवल माल परिवहन में सुधार लाएगी, बल्कि वैश्विक मानकों के अनुरूप देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत करेगी। सभी सहभागियों को निर्धारित समयसीमा और गुणवत्ता सुनिश्चित करनी चाहिए।” यह समीक्षा बैठक भारतीय रेलवे की विश्व स्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

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