नई दिल्ली। पहले से कहीं अधिक भारतीय अब देश के भीतर या बाहर की हवाई यात्र कर रहे हैं। इस साल के पहले 3 महीनों में ही 9.7 करोड़ यात्रियों ने भारतीय हवाईअड्डों से यात्र की। एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। मास्टरकार्ड इकोनॉमिक्स इंस्टीच्यूट (एमईआई) की तरफ से जारी ‘यात्र रुझान 2024 : सीमाओं से परे’ रिपोर्ट में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 13 बाजारों समेत कुल 74 बाजारों में यात्र उद्योग के विकसित परिदृश्य को लेकर व्यापक नजरिया दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2024 में बढ़ते मध्यम वर्ग और हवाई मार्गो की क्षमता बढ़ने से पहले से कहीं अधिक भारतीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यात्र कर रहे हैं।
साल के पहले तीन महीनों में ही 9.7 करोड़ यात्रियों ने भारतीय हवाई अड्डों से यात्र की। महज 10 साल पहले इस आंकड़े तक पहुंचने में पूरा साल लग गया था। रिपोर्ट कहती है कि घरेलू हवाई यात्री यातायात 2019 के स्तर से 21 प्रतिशत अधिक बढ़ गया जबकि अंतर्राष्ट्रीय यात्र में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई। भारतीय यात्री तेजी से प्रमुख बाजारों का रुख कर रहे हैं। वर्ष 2019 की तुलना में जापान की यात्रओं में 53 प्रतिशत, वियतनाम की यात्रओं में 248 प्रतिशत और अमरीका की यात्रओं में 59 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ऐसा अमरीकी डॉलर के मजबूत रहने के बावजूद देखा गया है। इसके अलावा एम्सटर्डम, सिंगापुर, लंदन, फ्रैंकफर्ट और मेलबर्न शीर्ष पांच गंतव्य हैं जहां भारतीय यात्री इस साल की गर्मियों में जा रहे हैं।
रिपोर्ट में उड़ानों की बुकिंग के आंकड़ों से यह आकलन पेश किया गया है। मास्टरकार्ड के मुख्य अर्थशास्त्री (एशिया प्रशांत) डेविड मान ने एक बयान में कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में उपभोक्ताओं में यात्र करने की तीव्र चाहत और मंशा है और वे अपनी यात्रओं से बेहतरीन अनुभव हासिल करने के लिए अधिक समझदार हो रहे हैं। वर्ष 2020 में पेश किया गया मास्टरकार्ड इकोनॉमिक्स इंस्टीच्यूट उपभोक्ता के नजरिए से व्यापक आíथक रुझानों का वेिषण करता है।