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पूर्वोत्तर के बिना भारत की संस्कृति अधूरी: धनखड़

नयी दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि पूर्वोत्तर के बिना भारत की संस्कृति अधूरी है और क्षेत्र में हो रहा तीव्र-समग्र विकास देश की प्रगति को दर्शाता है। धनखड़ ने अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में राज्य स्थापना दिवस के समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का सांस्कृतिक ताना-बाना पूर्वोत्तर के बिना अधूरा है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में बुनियादी ढांचे और सड़क, रेल, हवाई संपर्क में वृद्धि ‘भारत के बदलते चेहरे’ और सहकारी संघवाद की भावना का प्रतीक है।


समारोह में अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनायक (सेवानिवृत्त), अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, अरुणाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री चौना मीन, राज्यसभा सांसद एस फांगनोन कोन्याक, अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष पासंग दोरजी सोना और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।


धनखड़ ने सभी नागरिकों से अरुणाचल प्रदेश के लोगों की ओर से अपनाये गये पारिस्थितिकी संरक्षण के दृष्टिकोण का अनुकरण करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “आपका जीवन जीने का तरीका प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व का उदाहरण है।”
अरुणाचल प्रदेश को “भारत का सूक्ष्म रूप” बताते हुए उपराष्ट्रपति ने राज्य की प्राकृतिक सुंदरता की प्रशंसा की। श्री धनखड़ की यह अरुणाचल प्रदेश की पहली यात्रा है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि वर्तमान परिवेश में बिना किसी संरक्षण या भाई-भतीजावाद के योग्य लोगों को उनकी प्रतिभा के लिए पहचाना जा रहा है।

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