नई दिल्ली : 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि 2036 ओलंपिक की मेजबानी करना भारत का सपना है। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के भावी मेजबान आयोग (एफएचसी) के साथ बातचीत की प्रक्रिया शुरू करके 2036 में ओलंपिक की मेजबानी की दिशा में पहला कदम उठाया है।
इस महीने की शुरुआत में, युवा मामले और खेल मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में इस घटनाक्रम की पुष्टि की हैं। ग्रीष्मकालीन खेलों के लिए मेजबानी के अधिकार का आवंटन आईओसी द्वारा एक विस्तृत मेजबान चयन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। आईओसी के पास एक समर्पित निकाय है, भावी मेजबान आयोग (एफएचसी), जो इस विषय से निपटता है।
78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पेरिस ओलंपिक में देश का झंडा फहराने के लिए भारतीय एथलीटों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने भारत के पैरालंपिक दल को भी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने आगे कहा कि भारत ने 2036 ओलंपिक की मेजबानी की तैयारी शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज हमारे साथ वो युवा भी हैं जिन्होंने ओलंपिक में भारत का झंडा फहराया।
140 करोड़ देशवासियों की ओर से मैं अपने सभी एथलीटों और खिलाड़ियों को बधाई देता हूं… अगले कुछ दिनों में भारत का एक बड़ा दल पैरालंपिक में भाग लेने के लिए पेरिस के लिए रवाना होगा। मैं अपने सभी पैरालिंपियन को शुभकामनाएं देता हूं… 2036 ओलंपिक की मेजबानी करना भारत का सपना है, हम इसके लिए तैयारी कर रहे हैं…” भारत ने 28 अगस्त से शुरू हो रहे पेरिस पैरालिंपिक के लिए 84 एथलीटों का अपना अब तक का सबसे बड़ा दल उतारा है। 84 एथलीट तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, कैनोइंग, साइकिलिंग, ब्लाइंड जूडो, पावरलिफ्टिंग, रोइंग, शूटिंग, तैराकी, टेबल टेनिस और ताइक्वांडो सहित 12 खेलों में प्रतिस्पर्धा करेंगे।
इससे पहले लाल किले की प्राचीर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य गणमान्य लोगों ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रधानमंत्री को सफेद कुर्ता और नीले रंग की पोशाक और पारंपरिक बहुरंगी साफा पहने हुए देखा गया। इस साल के समारोह में 11वीं बार पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित किया, जिससे वह जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले तीसरे प्रधानमंत्री बन गए।