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15 जनवरी को नवी मुंबई में इस्कॉन मंदिर को प्रधानमंत्री मोदी करेंगे लोकार्पण

ISKCON Temple Navi Mumbai

ISKCON Temple Navi Mumbai

ISKCON Temple Navi Mumbai : नवी मुंबई के खारघर में स्थित इस्कॉन मंदिर का निर्माण पूरा हो गया है। यह मंदिर लगभग 9 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें से 2.5 एकड़ क्षेत्र में भव्य मंदिर बनाया गया है। 15 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों इस मंदिर का लोकार्पण होगा। इससे पहले, 9 जनवरी से यहां सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आगाज हो चुका है। भजन सम्राट अनूप जलोटा भी अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं।

इसके अलावा, अभिनेत्री हेमा मालिनी भी इस कार्यक्रम में शामिल होने वाली हैं। मंदिर के पुजारी ने बताया कि पहले जब वे गीता का प्रचार करने के लिए दूर-दूर से आते थे, तो लोगों ने उन्हें यहां एक मंदिर बनाने की सलाह दी थी। इसके बाद, उन्होंने सिडको से जमीन लेकर मंदिर बनाने का काम शुरू किया। मंदिर के निर्माण में करीब 200 से 250 करोड़ रुपए की लागत आई है और अब यह भव्य मंदिर तैयार हो चुका है।

इस्कॉन मंदिर के महाराज सुर दास महाराज ने कहा, ‘ जब मैं प्रचार करता था, तो लोग मुझसे कहते थे कि आप प्रचार करने के लिए आते हैं, तो यहां एक मंदिर भी बनवा दीजिए। मैंने सोचा कि यह सब कैसे होगा? ज़मीन तो बहुत महंगी है। लोग बोले, ‘सेठ के पास जाइए,‘ तो मैंने आवेदन किया। यह प्रक्रिया सात साल तक चली और उसके बाद हमें ज़मीन मिली। उस समय 3,500-4,000 करोड़ रुपए ज़मीन में लगे थे। अब तक इस पूरे प्रोजेक्ट पर लगभग 200 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। इस मंदिर को बनाने में भक्तों का बहुत योगदान है, जिनकी मदद से हम इसे बना पाए। मैं उन सभी का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने इस मंदिर के निर्माण में सहयोग किया।‘

महाराज ने कहा, ‘ हमारे अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावना संघ का क्षेत्र लगभग नौ एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें से पांच एकड़ में हमने सुंदर बाग़ीचा तैयार किया है। आजकल मुंबई में ग्रीनरी की कमी है, लेकिन हमने वहां हरियाली बढ़ाई है। यहां आकर लोग शांति और शुद्ध वातावरण का अनुभव करते हैं। इस स्थान पर ठाकुर जी राधा-मदनमोहन, ललिता-विशाखा, सीता-राम और हनुमान जी का विग्रह स्थापित होगा और यह स्थान सभी भक्तों को आशीर्वाद देगा।‘

उन्होंने कहा कि, हमारे यहां बहुत सारे सांस्कृतिक और शैक्षिक कार्यक्रम होते हैं, जिनमें आप भी भाग ले सकते हैं। हमारे आयुर्वेदिक कॉलेज में भागवत गीता, भागवतम और आत्मज्ञान से संबंधित अन्य ग्रंथों की शिक्षा दी जाती है। यहां एक सुंदर भोजनालय भी है, जो प्रभुपाद जी ने गोविंदाज नाम से स्थापित किया था। हर रविवार को यहां मुफ्त प्रसाद मिलता है। लेकिन, इसका उद्देश्य केवल भोजन देना नहीं है, बल्कि साथ में भागवत गीता और आत्मज्ञान भी देना है। हम प्रसाद के साथ भगवान का नाम और ज्ञान प्रदान करते हैं और यह तरीका लोगों को बहुत पसंद आता है। यहां सभी धर्मों के लोग चाहे वे मुस्लिम, क्रिश्चियन, बौद्ध या किसी अन्य धर्म के हों प्रसाद ग्रहण करने आते हैं।

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