नई दिल्लीः कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बृहस्पतिवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय ने सरकार द्वारा प्रमुख विधेयकों को धन विधेयक के तौर पर पारित कराने को चुनौती देने वाली उनकी याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पीठ का गठन किया है और उन्हें उम्मीद है कि इस मामले में जल्द फैसला आएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का संसद के कामकाज पर दूरगामी असर होगा। उच्चतम न्यायालय ने छह अक्टूबर को कहा था कि वह आधार अधिनियम जैसे कानून को ‘धन विधेयक’ के रूप में पारित करने की वैधता के मुद्दे पर विचार करने के लिए सात न्यायाधीशों की पीठ का गठन करेगा।
इस संबंध में सुनवाई का उद्देशय़ ‘धन विधेयक’ से जुड़े विवाद का समाधान करना है। रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आख़रिकार, उच्चतम न्यायालय ने मेरी याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सात न्यायाधीशों की एक पीठ का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता स्वयं प्रधान न्यायाधीश करेंगे। यह पीठ मेरी उन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी जिनमें मोदी सरकार द्वारा प्रमुख विधेयकों को धन विधेयक के रूप में पारित किए जाने को चुनौती दी गई है।’
बड़ी खबरें पढ़ेंः नहीं रहे कुल्हड़ पिज्जा के Sehaj Arora! सुनिए Social Media पर फैली खबर का असली सच!
रमेश का कहना था, कि ‘मैंने इस मुद्दे को संसद में और उसके बाहर उच्चतम न्यायालय में तीन याचिकाओं के माध्यम से बार-बार उठाया है। पहली याचिका छह अप्रैल, 2016 को दायर की गई थी क्योंकि राज्यसभा को प्रमुख कानूनों में संशोधनों पर चर्चा करने या पारित करने के अवसर से वंचित किया गया। उदाहरण के तौर पर इनमें आधार विधेयक, राष्ट्रीय हरित अधिकरण सहित कई न्यायाधिकरणों की शक्तियों को कमजोर करने वाला विधेयक और धन शोधन विरोधी अधिनियम को और अधिक कठोर बनाने वाला विधेयक शामिल हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि इस संबंध में अंतिम फैसला जल्द आएगा और इसका संसद के कामकाज पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।