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सरकारी विभागों के लिए शासन को नागरिक केंद्रित और कुशल बनाना जरूरी : Droupadi Murmu

नई दिल्लीः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि सरकारी विभागों के लिए शासन प्रणाली को नागरिक केंद्रित, कुशल और पारदर्शी बनाना जरूरी है। अधिकारियों के एक समूह को संबोधित करते हुए द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि वे ऐसे समय में सरकारी सेवा में शामिल हुए हैं जब देश डिजिटल परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। द्रौपदी मुर्मू ने कहा, कि ‘जनता के बीच पारर्दिशता और जवाबदेही लाने के साथ-साथ सेवा वितरण में अधिक दक्षता की अपेक्षा बढ़ रही है। इन अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए सरकारी विभागों द्वारा प्रौद्योगिकी का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करना और शासन प्रणाली को नागरिक-केंद्रित, कुशल व पारदर्शी बनाना अनिवार्य है।’’

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ‘अरुण जेटली राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान’, फरीदाबाद, हरियाणा के ‘प्रोबेशनर्स ट्रेनिंग कोर्स’ के 31वें बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित कर रही थीं। भारतीय सिविल लेखा सेवा, भारतीय रक्षा लेखा सेवा और भारतीय डाक एवं दूरसंचार लेखा एवं वित्त सेवा के इन अधिकारियों ने द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की हैं। उन्होंने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, पीएफएमएस (सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली) के माध्यम से धन की वास्तविक समय की निगरानी, ई-बिल की शुरूआत और वित्तीय नियमों एवं प्रक्रियाओं के अद्यतनीकरण और सरलीकरण जैसे दूरदर्शी कदमों ने सरकार के कुशल कामकाज को बढ़ावा दिया है।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आपका काम न केवल वित्तीय संसाधनों की उपयोगिता को अधिकतम करने तक सीमित है, बल्कि इसमें नीतिगत बदलावों के प्रभाव का विषेण करना और वित्तीय प्रबंधन प्रणालियों सहित शासन की विभिन्न प्रणालियों में सुधार के लिए सुधारों का प्रस्ताव देना भी शामिल है।’’ द्रौपदी मुर्मू ने अधिकारियों से इन कार्यों को करने के लिए लगातार बदलती और उन्नत होती प्रौद्योगिकी की दुनिया के साथ तालमेल बनाए रखने को कहा। उन्होंने सुझाव दिया, आपके प्रयास नवीनतम तकनीक का उपयोग करने और हमारे लेखांकन और लेखा परीक्षा प्रणालियों को निर्बाध बनाने के लिए तंत्र विकसित करने के होने चाहिए। द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि एक अच्छी सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली सुशासन का आधार है।

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