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भारत में हुए बड़े विश्वस्तरीय सफल सम्मेलन की आलोचना करना ठीक नहीं: धनखड़

भरतपुर: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश में घटित कुछ अप्रिय घटनाओं पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि जब देश विकास की बुलंदियों को छू रहा है, ऐसे में यदि कोई वंदे भारत पर पत्थर फेंके, संसद में संवाद ना हो। भारत मंडपम जहां इतना बड़ा विश्वस्तरीय सफल सम्मेलन हुआ हो, उसके बारे में आलोचना करना ठीक नहीं है।

धनखड़ मंगलवार को राजस्थान के भरतपुर में सरसों अनुसंधान निदेशालय के कृषि वैज्ञानिकों के साथ संवाद में यह बात कही। उन्होंने भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती साख का जिक्र करते ही हुए कहा कि आज दुनिया की ऐसी कोई संस्था नहीं है जो भारत की तरफ ना देख रही हो। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि भारत को निवेश के लिए सर्वोत्तम स्थान बताया है। भारत की हाल में अंतरिक्ष में लंबी उड़ान चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग को लेकर वैज्ञानिकों की प्रशंसा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने वह कर दिखाया है जिसकी कभी किसी ने कल्पना की नहीं थी।

उन्होंने भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था में किसानों का बहुत बड़ा योगदान बताते हुए कहा कि भारत शीघ्र ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बनेगा। उन्होंने कहा कि हमें भारतीय होने पर गर्व करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति और देश की संस्थाओं के साथ खिलवाड़ करने वालों पर अंकुश लगना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कृषि वैज्ञानिकों से अनुसंधान को बढ़ावा देने का आग्रह किया ताकि किसानों को अधिक से अधिक फायदा पहुंचाया जा सके। हमें नवाचार के लिए लीक से हटकर सोचना पड़ेगा और इसके अद्भुत परिणाम निकलेंगे। धनखड़ ने जोर देकर कहा कि अनुसंधान का जितना स्कोप कृषि के क्षेत्र में है उतना और किसी क्षेत्र में नहीं है, प्रत्येक वस्तु जमीन के अंदर से ही निकलती है। उन्होंने कहा कि कृषि तकनीक में बदलाव से किसानों को फायदा होगा।

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