कर्नाटक : कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी की ओर से घोषणापत्र जारी किए जाने के बाद मुख्य विपक्षी दल के वरिष्ठ नेता एचके पाटिल ने मंगलवार को कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग गरीबों के लिए किए वादों को लेकर सवाल करते हैं, लेकिन अमीर लोगों के कर्ज को बट्टे खाते में डाले जाने पर जुबान नहीं खोलते। प्रदेश की गडग विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे पाटिल ने साक्षात्कार में कहा कि इस बार चुनाव प्रचार बेहद निम्न स्तर पर चला गया है और यह देश के लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि कांग्रेस इस बार गडग जिले की सभी चार सीटों पर जीत हासिल करेगी।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जिले की तीन सीटों- शिराहट्टी, रोन और नारागुंड में जीत हासिल की थी, जबकि गडग कांग्रेस के खाते में गई थी। पाटिल गडक से मौजूदा विधायक हैं। यह सीट 47 साल से पाटिल परिवार का गढ़ है। पाटिल कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी भी है। यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस सत्ता में आने पर घोषणापत्र में किए गए वादों के लिए धन का प्रबंध कैसे करेगी, पर पाटिल ने कहा यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब भी गरीब के लिए कोई इस तरह का चुनावी वादा किया जाता है हर कोई इस तरह के सवाल पूछने लगता है। क्या किसी ने इस पर सवाल उठाया कि केंद्र सरकार ने 523 औद्योगिक घरानों का 10 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया।
पाटिल ने कहा कि कुछ लोग गरीबों के लिए किए वादों को लेकर सवाल करते हैं, लेकिन अमीर लोगों के कर्ज को बट्टे खाते में डाले जाने पर जुबान नहीं खोलते। यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस गरीबों के सशक्तीकरण के बजाय उन्हें योजनाओं पर निर्भर क्यों बनाना चाहती है तो पाटिल ने कहा, ‘‘मैं सहमत हूं कि गरीबों का सशक्तीकरण होना चाहिए। पंरतु कुछ समय के लिए हमें उनका हाथ पकड़कर उन्हें उनके पैरों पर खड़ा करने की जरूरत होती है।’’ उनका कहना है कि गरीबों और मध्य वर्ग पर महंगाई की मार पड़ी है। यह पूछे जाने पर कि पार्टी में कई अन्य नेताओं की तरह उन्हें मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में क्यों नहीं देखा जा रहा, पर पाटिल ने कहा मैं यह स्पष्ट कर दूं कि यह शीर्ष नेतृत्व है जो यह अंतिम निर्णय लेगा कि कौन मुख्यमंत्री होगा..।