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तिरुपति बालाजी मंदिर जाएंगे जगन मोहन रेड्डी, भाजपा नेता ने पूछा ‘वो हिन्दू या ईसाई’

नई दिल्ली। मंदिर प्रसादम में मिलावट को लेकर हुए विवाद के बीच आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी तिरुपति बालाजी मंदिर में दर्शन के लिए जाएंगे। भाजपा ने उनके इस फैसले को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। एक बातचीत में भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने उनके विजिट को नाटक करार दिया। राजीव चंद्रशेखर ने कहा, जो उनके कार्यकाल में तिरुपति बालाजी मंदिर में हुआ है, उससे हिन्दुओं के साथ-साथ उन लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ हुआ जो तिरुपति बालाजी मंदिर में विश्वास करते हैं।

उन्होंने आगे कहा, जगन मोहन रेड्डी इस बात को जान चुके हैं कि इस विवाद के बाद तिरुपति बालाजी मंदिर के भक्तों में गुस्सा है और उन्हें सबक सिखाने के लिए भक्त तैयार हैं। भक्तों के गुस्से व डर की वजह से जगन मोहन रेड्डी मंदिर आने का नाटक कर रहे हैं। इस नाटक से अब कुछ होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा, जो अपमान होना था, वह हो चुका है। हमारे आंध्र प्रदेश के अध्यक्ष ने भी मांग की है कि अगर जगन मोहन रेड्डी मंदिर जा रहे हैं तो वह बताएं कि उनका बैकग्राउंड क्या है, वह हिन्दू हैं या फिर ईसाई? मंदिर में एक नियम है कि जो नॉन हिन्दू हैं उन्हें एक डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होता है। जगन मोहन रेड्डी भी मंदिर आगमन के दौरान यह फॉर्म भरें और सबको बताए कि वह हिन्दू हैं या फिर ईसाई। राजीव चंद्रशेखर ने कहा, जो अपमान हो चुका है, अब उनके राजनीतिक नाटक से कोई फायदा नहीं होने वाला है।

भाजपा नेता से संयुक्त राष्ट्र में जम्मू कश्मीर चुनावों के बीच किसी मुस्लिम राष्ट्र द्वारा उठाए गए सवाल पर भी राय रखी। एक सवाल के जवाब में भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने कहा, दुनिया को यह पता चल गया है कि भारत का एक अभिन्न भाग जम्मू-कश्मीर है। आर्टकिल 370 और 35ए के खत्म होने के बाद हम यहां देख रहे हैं कि चुनाव हो रहे हैं और भारी तदाद में इसमें लोग भाग ले रहे हैं। लोग जान चुके हैं कि 60 साल से जो प्रोपेगेंडा चला आ रहा था कि जम्मू-कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है। लेकिन, यहां के युवाओं के लिए एक समृद्ध जम्मू-कश्मीर बन रहा है। विकसित भारत का जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है, उसे जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, बिहार सहित सभी राज्यों को साथ लेकर चलने से होगा। विकसित भारत की कल्पना को साकार करने के लिए यहां के युवा भी भागीदार बनेंगे।

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