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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114नई दिल्ली: भारतीय रेलवे के अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत गुलाबी नगरी जयपुर के गांधीनगर स्टेशन का पुनर्विकास कार्य तेजी से प्रगति पर है। यह स्टेशन विरासत, लोककला और आधुनिकता के संगम का एक शानदार उदाहरण बनने जा रहा है, जो यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करेगा। पुनर्विकास के बाद यह स्टेशन न केवल यात्रियों के लिए बल्कि शहरवासियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा।
स्टेशन के पुनर्विकास के तहत 72 मीटर चौड़ा एयर कॉनकोर्स बनाया जा रहा है, जो भारतीय रेलवे के लिए एक अनूठी उपलब्धि है। इस कॉनकोर्स में यात्रियों के लिए वेटिंग रूम, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, कैफेटेरिया और गेम ज़ोन जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जो यात्रियों के साथ-साथ स्थानीय नागरिकों के लिए भी खुली रहेंगी। इसके अलावा, स्टेशन पर आगमन और प्रस्थान की अलग-अलग व्यवस्था की जाएगी, जिससे यात्री यातायात को सुगम और सुव्यवस्थित किया जा सके।
स्टेशन पुनर्विकास के प्रमुख बिंदुओं में रूफ प्लाजा और भूमिगत पार्किंग की सुविधाएं शामिल हैं। मुख्य प्रवेश भवन (जी+2) और द्वितीय प्रवेश भवन (जी+1) को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। दोनों भवनों में यात्रियों की सुविधा के लिए लिफ्ट, एस्कलेटर, वेटिंग रूम, एग्जीक्यूटिव लाउंज, टिकट काउंटर और सुरक्षा जांच के लिए मेटल डिटेक्टर और बैगेज स्कैनर की व्यवस्था की जा रही है।
स्टेशन के पुनर्विकास में पर्यावरण संरक्षण का भी विशेष ध्यान रखा गया है। यहां ग्रीन बिल्डिंग की अवधारणा के अंतर्गत नवीकरणीय ऊर्जा, जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन की व्यवस्था की जाएगी। लगभग 1400 किलोवाट क्षमता का सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किया जाएगा, जिससे ऊर्जा की खपत में कमी आएगी। गांधीनगर स्टेशन की नई इमारत को शहर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया जा रहा है। यहां जाली कार्य, मेहराब, गुंबद, छतरी, झरोखा, बारादरी, अलंकरण और पत्थर की नक्काशी जैसी स्थानीय स्थापत्य कला का उपयोग किया जाएगा।
यह स्टेशन शहर की पहचान और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बनेगा, जो पारंपरिक शिल्प और आधुनिक तकनीक का बेहतरीन मिश्रण होगा। पुनर्विकास की अनुमानित लागत 210.63 करोड़ रुपये है। यह परियोजना न केवल यात्रियों को सुविधाएं प्रदान करेगी बल्कि स्थानीय रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगी। स्टेशन पर 9 लिफ्ट और 4 एस्कलेटर लगाए जाएंगे, जिससे यात्रियों के लिए आवाजाही और भी सुगम होगी।
दिव्यांगजन के लिए भी विशेष सुविधाओं का प्रावधान किया जा रहा है, ताकि सभी यात्रियों को समान रूप से लाभ मिल सके। गांधीनगर जयपुर स्टेशन का यह पुनर्विकास परियोजना न केवल रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को उन्नत कर रही है, बल्कि शहर की सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिकता के बीच संतुलन भी स्थापित कर रही है।