Jal Jeevan Mission : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जल जीवन मिशन को ग्रामीण भारत के लिए वरदान बताया। उन्होंने कहा, ये मिशन ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करने में अहम भूमिका निभा रहा है।
पीएम मोदी ने अपने एक्स हैंडल पर कहा, ‘‘अपने दरवाजे पर स्वच्छ पानी के साथ, महिलाएं अब कौशल विकास और आत्मनिर्भरता पर ध्यान केंद्रित कर सकती हैं।’’
A good perspective on how Jal Jeevan Mission is furthering women empowerment, especially in our rural areas.
With clean water at their doorstep, women can now focus on skill development and self-reliance.https://t.co/f3SD9VDhqg
— Narendra Modi (@narendramodi) December 12, 2024
हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक ने एक रिपोर्ट में बताया कि जल जीवन मिशन का ग्रामीण भारत की महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
इस मिशन के तहत, अब अधिक घरों में नल के पानी की सुविधा उपलब्ध है, जिससे ग्रामीण महिलाओं को पानी लाने में लगने वाला समय बचा है और इसके परिणामस्वरूप उनकी कृषि और अन्य कार्यों में भागीदारी बढ़ी है।
रिपोर्ट के मुताबिक जिन परिवारों को पानी लाने के लिए बाहर से पानी लाना पड़ता था, उनमें यह संख्या 8.3 प्रतिशत घट गई है। इससे महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी में 7.4 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। बिहार और असम जैसे राज्यों में, जहां पहले पानी की सुविधा नहीं थी, महिला कार्यबल में 28 प्रतिशत से अधिक का इजाफा हुआ है, जो दर्शाता है कि इन राज्यों में नल के पानी तक पहुंच ने महिलाओं को अधिक काम करने और अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने का अवसर दिया है।
बता दें कि जल जीवन मिशन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को लॉन्च किया था, जिसका उद्देश्य हर ग्रामीण घर में नल जल कनेक्शन देना है। जब यह योजना शुरू हुई थी, तब केवल 3.23 करोड़ ग्रामीण घरों में नल का पानी था, जो कि कुल घरों का 17 प्रतिशत था। लेकिन अब तक इस मिशन के तहत 11.96 करोड़ नए कनेक्शन जोड़कर यह आंकड़ा बढ़कर 15.20 करोड़ घरों तक पहुंच चुका है। इसका मतलब है कि अब 78.62 प्रतिशत ग्रामीण घरों में नल का पानी उपलब्ध है।
मिशन का प्रभाव विभिन्न राज्यों में अलग-अलग था। उत्तर प्रदेश में, जहां पहले पानी लाने वाले परिवारों की संख्या अधिक थी। वहां अब नल कनेक्शन से महिलाओं की कृषि कार्यों में भागीदारी 17.3 प्रतिशत बढ़ी। ओडिशा में भी पानी लाने वाले परिवारों की संख्या में 7.8 प्रतिशत की कमी आई।
गैर-भाजपा शासित राज्य पश्चिम बंगाल में भी महिलाओं की कृषि समेत अन्य गतिविधियों में भागीदारी 15.2 प्रतिशत बढ़ी। जो यह बताता है कि पानी की सुविधा ने महिलाओं के शारीरिक बोझ को कम किया है और उन्हें अधिक काम करने का अवसर दिया है। हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में भी जल जीवन मिशन ने प्रभावी परिणाम दिखाए हैं। हिमाचल प्रदेश में पानी लाने वाले घरों में 19.4 प्रतिशत की कमी आई, जबकि तेलंगाना में यह कमी 30.3 प्रतिशत तक पहुंच गई।
झारखंड और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी जल जीवन मिशन ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिला भागीदारी और उत्पादकता में सुधार किया है। झारखंड में महिलाओं की कृषि में भागीदारी 13.7 प्रतिशत बढ़ी, जबकि मध्य प्रदेश में पानी लाने वाले घरों में 17.6 प्रतिशत की कमी आई, जिससे ग्रामीण उत्पादकता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
जल जीवन मिशन ने न केवल आर्थिक स्थिति को प्रभावित किया है, बल्कि स्वास्थ्य और शिक्षा पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ा है। केरल जैसे राज्यों में स्वच्छ पानी की उपलब्धता से जलजनित बीमारियों में कमी आई है, जिससे बच्चों को नियमित रूप से स्कूल जाने का अवसर मिला है।