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जम्मू-कश्मीर पुलिस ने की पुलवामा में प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ छापेमारी

Jammu and Kashmir Police raids

Jammu and Kashmir Police raids

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मंगलवार को पुलवामा जिले में प्रतिबंधित संगठन जेके डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी के खिलाफ कई स्थानों पर छापेमारी की। यह संगठन वरिष्ठ अलगाववादी नेता शब्बीर शाह के नेतृत्व में काम करता है। पुलिस के अनुसार, यह छापेमारी जेके डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी से जुड़े एक मामले की चल रही जांच के तहत की गई है।

पुलिस ने बयान जारी कर बताया कि यह तलाशी अभियान थाना लिटर में दर्ज एफआईआर संख्या 04/2024 के तहत किया गया। यह मामला गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 10 और 13 के तहत दर्ज किया गया था। पुलिस ने कई संदिग्धों के ठिकानों पर छापे मारे, जिनमें ओवैस अहमद मलिक, पुत्र मोहम्मद मकबूल मलिक, निवासी हकरीपोरा और बशीर अहमद अजीम, पुत्र गुलाम मोहिउद्दीन अजीम, निवासी मोहल्ला चटपोरा पुलवामा शामिल हैं। ये दोनों प्रतिबंधित संगठन से जुड़े होने के संदेह में पुलिस जांच के दायरे में हैं।

पुलिस ने बताया कि इस जांच का मुख्य उद्देश्य अलगाववादी और देशविरोधी नेटवर्क को खत्म करना है। ऐसे तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी। पुलिस ने आगे कहा कि, पुलवामा पुलिस आश्वस्त करती है कि कानूनी प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी और जो भी व्यक्ति गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेजा

ज्ञात हो की शब्बीर अहमद शाह फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकी फंडिंग, युवाओं को भड़काने और भारत विरोधी साजिश रचने का आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह जेके डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी के अध्यक्ष हैं। शब्बीर शाह को 2017 में पटियाला हाउस कोर्ट ने धनशोधन निवारण अधिनियम के एक मामले में जमानत दी थी, लेकिन इसके बाद उन्हें फिर से गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया गया।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, शब्बीर शाह पिछले 29 वर्षों में हवाला चैनलों और अन्य स्नेतों के माध्यम से कई करोड़ की संपत्ति जमा कर चुके हैं। वह दिवंगत अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के हुर्रयित कॉन्फ्रेंस के भी सदस्य रह चुके हैं। पुलिस का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी लगातार जारी रहेगी ताकि अलगाववादी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर कश्मीर में शांति और स्थिरता कायम रखे जा सके।

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