जम्मू:जम्मू और कश्मीर के सभी जिलों में कृषक समुदाय से जबरदस्त प्रतिक्रि या प्राप्त करते हुए 24000 से अधिक किसानों ने केंद्र शासित प्रदेश के 264 स्थानों पर आयोजित पहले 3 दिवसीय सत्र के दौरान किसान संपर्क अभियान के तहत उन्मुखीकरण कार्यक्र म में भाग लिया। अगले 4 महीनों में अभियान के तहत यू.टी. की प्रत्येक पंचायत में किसानों तक पहुंचने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ यूटी में कृषि उत्पादन विभाग द्वारा अपनी तरह का पहला व्यापक किसान उन्मुखीकरण अभ्यास किया जा रहा है। 24 अप्रैल को शुरू हुआ अभ्यास 31 अगस्त, 2023 को समाप्त होगा।
इस महत्वाकांक्षी किसान आउटरीच कार्यक्र म की योजना हाल ही में लॉन्च किए गए समग्र कृषि विकास कार्यक्र म (एचएडीपी) के तहत बनाई गई है। लघु फिल्मों का उपयोग करते हुए विभिन्न योजनाओं/कार्यक्र मों का वर्णन करने का एक अभिनव साधन स्थापित किया गया है। एचएडीपी और अन्य केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत योजनाओं के कुल 49 वीडियो जम्मूकश्मीर के सभी स्थानों पर किसानों को दिखाए जाएंगे। योजनाओं का वर्णन करने में आडियो विजुअल एड्स का उपयोग करने से किसानों पर स्थायी और अधिक आकर्षक, मनोरंजक प्रभाव पड़ा। इसके अलावा किसानों की शंकाओं को दूर करने के लिए वीडियो के प्रत्येक स्क्रीनिंग सत्र के बाद प्रश्न उत्तर सत्र आयोजित किया गया।
किसानों को तीन भाषाओं (हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी) में सभी योजनाओं पर पैम्फलेट भी प्रदान किए गए जिसमें यूटी के कृषि उत्पादन विभाग के तहत सभी विभागों के संपर्क विवरण की जानकारी भी थी। साथ ही किसानों को एपीडी द्वारा विकसित योजनाओं के आईटी डैशबोर्ड-किसान साथी का उपयोग करके इन योजनाओं के तहत आवेदन के तरीके के बारे में भी बताया गया। पैम्फलेट पर क्यूआर कोड का एक सरल स्कैन किसान को किसान साथी पोर्टल पर ले जाता है जहां वह आसानी से पंजीकरण कर सकता है और किसी भी योजना के तहत आवेदन करने के लिए किसी कार्यालय में जाने की आवश्यकता नहीं है। देश में अपनी तरह का पहला, दक्ष किसान, कृषि उत्पादन विभाग द्वारा विकसित किया गया है, जहां जम्मूकश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के कृषिजलवायु क्षेत्रों के अनुसार 118 कौशल पाठ्यक्र म किसानों के लिए मुफ्त में उपलब्ध हैं।
फिर से पम्फलेट के पीछे क्यूआर कोड का एक सरल स्कैन किसान को दक्ष किसान पोर्टल पर ले जाता है, जहां वह में पंजीकरण कर सकता है और अपनी पसंद का कोई भीकौशल पाठ्यक्र म शुरू कर सकता है। एलएमएस के तहत वीडियो व्याख्यान कश्मीरी, उर्दू, डोगरी और हिंदी में उपलब्ध है और पाठ्य सामग्री हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी में भी उपलब्ध है। इसके अलावा व्यवसाय विकास और वित्तीय प्रबंधन पर विशेष मॉड्यूल भी शामिल किए गए है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसान न केवल प्रशिक्षित हों बल्किएक कुशल उद्यमी बने।