जम्मू: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि आज हमारे लिए गर्व की बात है कि ‘चलो गाँव की ओर और मेरा शहर मेरा अभिमान’ अभियान के दौरान लगभग 75000 लाभार्थियों को रोजगार के अवसर प्रदान किए गए। सिन्हा 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर चयनित युवाओं को सम्मानित किया और प्रमाण पत्र सौंपे, जिन्होंने अपना व्यवसाय उद्यम शुरु करने के लिए सहायता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि प्रशासन युवा उद्यमिता और स्वरोजगार के अवसर सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
सिन्हा ने कहा,‘‘हमने जम्मू-कश्मीर के आर्थिक विकास को गति देने और हमारे युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सहायक बुनियादी ढाँचे, योजनाओं तथा नीतियों को बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। मिशन यूथ, जेकेआरएलएम और जम्मू-कश्मीर बैंक के साथ अन्य सरकारी एजेंसियां हजारों नए उद्यमियों को व्यवसाय स्थापित करने में मदद कर रही हैं। ‘बैक टू विलेज और माई टाउन माई प्राइड’ के दौरान अभियान ने 75,000 युवा उद्यमियों को आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए अपने जीवन का एक नया अध्याय शुरु करने के लिए एक नया रिकॉर्ड बनाया।’’ उन्होंने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर के लिए गर्व का दिन है। हमने यूटी की हर पंचायत और कस्बे से युवाओं की पहचान की है और 75000 से अधिक युवाओं को आजीविका के अवसरों से जोड़ा गया है। मैं जम्मू-कश्मीर बैंक को बधाई देता हूं क्योंकि इसमें 90 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी है, जो लगभग 900 करोड़ रुपये है।
उपराज्यपाल ने कहा कि हमने जम्मू-कश्मीर में रोजगार में उछाल का एक सुनहरा अध्याय लिखा है। यह सुनिश्चित करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता है कि प्रत्येक युवा की आकांक्षाओं, रचनात्मकता और उद्यम को साकार किया जाए। हम युवा पीढ़ी को सशक्त बनाने के अपने संकल्प पर अडिग हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर बैंक ने अपनी पुरानी छवि को तोड़ा है। यह अब आम आदमी का बैंक है और जम्मू-कश्मीर की विकास यात्र का महत्वपूर्ण भागीदार है। उपराज्यपाल ने कहा कि वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की गई हैं, जहां हर नागरिक, सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बावजूद, नए युग की अर्थव्यवस्था में भाग लेने के लिए सशक्त है।
जम्मू-कश्मीर के युवाओं की क्षमता पर बोलते हुए, उपराज्यपाल ने कहा, सेवा क्षेत्र से लेकर कृषि-उद्यमियों और स्टार्ट-अप तक, हमारे युवाओं ने अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। पुलवामा ने 7324 युवाओं को अपना व्यवसाय उद्यम स्थापित करने का अवसर प्रदान करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर ने पिछले साल देश में पीएमईजीपी में अधिकतम संख्या में विनिर्माण इकाइयों की स्थापना की और अधिकतम संख्या में रोजगार पैदा करना भी युवाओं के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि सभी नए शुरु किए गए व्यावसायिक उपक्रमों में, 15 फीसदी उद्यमी हमारी बेटियां हैं, जिन्होंने प्रशिक्षण संस्थानों, बुटीक, हस्तशिल्प आदि जैसे क्षेत्रों में अपनी उद्यमशीलता की यात्र शुरु की है। महिलाएं जम्मू-कश्मीर में सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन की गाड़ी चला रही हैं। वे हमारे समाज की रीढ़ हैं। उन्होंने कहा कि वास्तव में महिला सशक्तिकरण के इस अभियान में योगदान देना जम्मू-कश्मीर बैंक के लिए सौभाग्य की बात है।
उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में छोटे उद्यमियों की बेहतर व्यावसायिक व्यवस्था और हैंडहोल्डिंग के लिए जम्मू-कश्मीर बैंक के माध्यम से लाखों खाताधारकों को हजारों करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।उपराज्यपाल ने कहा कि कृषि और संबद्ध क्षेत्र, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा, सूचना प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचा और प्रत्येक नागरिक की आत्मनिर्भरता, पांच प्रमुख दक्षताएं हैं, जिन्हें जम्मू कश्मीर के तेजी से विकास के लिए एक एकीकृत कार्य योजना के साथ आगे बढ़ाया जाना चाहिए। बैंकिंग क्षेत्र को कृषि और संबद्ध क्षेत्र के कायाकल्प के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेवाओं को आम आदमी तक ले जाकर, स्वयं सहायता समूह, ग्रामोद्योग और नवोन्मेषी स्टार्ट-अप जम्मू-कश्मीर में एक प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था बना सकते हैं।इस अवसर पर, उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर बैंक की विभिन्न पहलों की भी शुरुआत की, जिसमें जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा को 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करना और जम्मू-कश्मीर सरकार के कर्मचारियों के लिए तत्काल ऋण वितरण शामिल है।जम्मू-कश्मीर बैंक और जम्मू-कश्मीर एनर्जी डेवेलो के बीच एक समझौता भी हुआ।